(चिरमिरी) चिरमिरी में मौत को दावत! ओपन कास्ट ब्लास्ट में 8 मजदूर लहूलुहान, महिला श्रमिक भी घायल

  • 06-Oct-25 01:38 AM

चिरमिरी, 06 अक्टूबर (आरएनएस)। एसईसीएल (स्श्वष्टरु) चिरमिरी क्षेत्र के ओपन कास्ट खदान में कोयला उत्खनन के दौरान एक भयानक ब्लास्ट होने से लगभग 8 मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घायलों में महिला मजदूर भी शामिल हैं, जिनका फिलहाल एसईसीएल के रीजनल अस्पताल में उपचार किया जा रहा है। इस घटना ने एक बार फिर खदान में एसईसीएल प्रबंधन की घोर लापरवाही को उजागर कर दिया है, जिसके बाद अस्पताल में गरमागर्मी का माहौल बना हुआ है।
सुरक्षा नियमों को ताक पर रखकर कोयला उत्खनन करने की चिरमिरी ओपन कास्ट खदान की पुरानी आदत आज आठ मजदूरों पर भारी पड़ गई। कोयले की परत तोडऩे के लिए बारूद बिछाकर की गई ब्लास्टिंग की चपेट में आने से ये मजदूर बुरी तरह घायल हो गए। इस गंभीर दुर्घटना ने न केवल मजदूरों की जान खतरे में डाली है, बल्कि एसईसीएल प्रबंधन पर भी कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। घायल मजदूरों को आनन-फानन में रीजनल अस्पताल ले जाया गया, जहां उनके परिजन और अन्य मजदूर गुस्से में हैं और प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। घटना चिरमिरी ओपन कास्ट खदान में उस समय हुई जब कोयला उत्खनन के लिए नियमानुसार दूरी और सुरक्षा घेरा बनाए बिना ब्लास्टिंग की गई। मजदूरों के अनुसार, बारूद बिछाने और ब्लास्ट करने की प्रक्रिया में घोर लापरवाही बरती गई, जिसके कारण कई मजदूर, जिनमें महिला मजदूर भी शामिल थीं, विस्फोट के छर्रों और मलबे की चपेट में आ गए। घायल मजदूर: ब्लास्टिंग से घायल हुए लगभग 8 मजदूरों को तुरंत अस्पताल पहुँचाया गया है। उनकी चोटों की गंभीरता का विस्तृत ब्यौरा अभी प्रतीक्षित है। लापरवाही का आरोप: मजदूरों के यूनियनों और स्थानीय लोगों ने सीधे तौर पर एसईसीएल प्रबंधन पर सुरक्षा मानकों की अनदेखी करने और ठेका श्रमिकों की जान जोखिम में डालने का आरोप लगाया है।
अस्पताल में तनाव और परिजनों का आक्रोश
घायल मजदूरों के अस्पताल पहुंचने के बाद एसईसीएल रीजनल अस्पताल में तनाव की स्थिति बन गई। गुस्साए मजदूर और उनके परिजन प्रबंधन के किसी भी अधिकारी के मौके पर न पहुंचने से नाराज हैं। उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए घायलों को बेहतर इलाज और मुआवजे की मांग को लेकर हंगामा किया।बताया जा रहा है कि स्थानीय पुलिस और एसईसीएल के कुछ अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं, लेकिन मजदूरों का गुस्सा शांत नहीं हो रहा है। वे मांग कर रहे हैं कि जिम्मेदार अधिकारियों पर तुरंत कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी जानलेवा घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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