(छतरपुर)आत्मरक्षक ही समाज की रक्षा कर सकता है-डॉ प्रदीप अवस्थी

  • 23-Jul-25 12:00 AM

छतरपुर 23 जुलाई (आरएनएस)। महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय छतरपुर के शारीरिक शिक्षा विभाग के द्वारा सात दिवसीय आत्मरक्षा कार्यशाला के तृतीय दिवस में शासकीय प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कॉलेज निवाड़ी में पदस्थ कीड़ा अधिकारी डॉ प्रदीप अवस्थी ने व्याख्यान दिया। आत्मरक्षा विषय पर प्रकाश डालते हुए आपने कहा कि आत्मरक्षा कौशल से युक्त व्यक्ति न केवल स्वयं की रक्षा करता है बल्कि दूसरों की भी रक्षा करने में समर्थ होता है। ऐसा व्यक्ति आवश्कता पडऩे पर समाज की ढाल बनकर संकट से बचाव करता है। आपने आत्मरक्षा को परिभाषित करते हुए बताया कि आत्मरक्षा क्या है, इसे कहां,कब और कैसे तथा किस जगह इसका उपयोग करना है। डॉ प्रदीप अवस्थी द्वारा आत्मरक्षा के चार सूत्र दिए गए आत्मविश्वास, विरोध, रक्षा, प्रहार इन चार सूत्रों पर हमारे आत्मविश्वास के साथ-साथ हमारी आत्मरक्षा भी है। इस सिद्धांत को अपनाने के गुण दिए गए एवं किस-किस क्षेत्र में आत्मरक्षा का उपयोग हो सकता है और कहां हमें उसका उपयोग करना है इस बारे में सारगर्भित व्याख्यान दिया गया जिसे छात्र व छात्राओं ने पूर्ण मनोयोग से श्रवण किया। उक्त व्याख्यान के दौरान छात्राओं के द्वारा डॉ प्रदीप अवस्थी से आत्मरक्षा के कई सवाल भी किए गए जिनका जवाब भी प्रदीप अवस्थी द्वारा दिया गया।तृतीय दिवस के प्रथम सेशन में छात्र- छात्राओं को विवेक आर्य, आसिया खान एवं शंकर रैकवार के द्वारा बुनियादी प्रहार और रक्षात्मक मुद्राएं सिखाई एवं हाथों से बचाव की तकनीक और तरीकों को प्रैक्टिकल तौर पर कराके तरीके सिखाए जिनका प्रतिभागियों ने स्वयं प्रदर्शन किया।कार्यशाला में दिन प्रतिदिन छात्र-छात्रा बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं एवं छात्राओं की सहभागिता उत्साहवर्धक है। छात्राओं का कहना है कि ऐसी कार्यशालाएं हमारे अंदर आत्मरक्षा का कौशल विकसित कर आत्मविश्वास पैदा करती हैं। अतएव ऐसी कार्यशालाएं निरंतर आयोजित की जानी चाहिएकार्यशाला के तृतीय दिवस का संयोजन संचालक डॉ बी पी सिंह गौर तथा सहायक संचालक डॉक्टर बीडी नामदेव के निर्देशन में संपन्न हुआ।




Related Articles

Comments
  • No Comments...

Leave a Comment