(छतरपुर)आस्था के साथ रोजगार का केंद्र बना बागेश्वर धाम

  • 06-Aug-25 12:00 AM

छतरपुर 6 अगस्त (आरएनएस)।दुनिया भर में प्रसिद्ध बागेश्वर धाम न केवल आस्था के लिए विख्यात है बल्कि यहां चल रही अनवरत अन्नपूर्णा और यहां से सृजित हुए हजारों रोजगार भी परिवारों का भरण पोषण का माध्यम बन गए हैं। बागेश्वर धाम रोजगार का केंद्र बनकर भी उभरा है। आसपास के क्षेत्र से लेकर देश भर के लोग बागेश्वर धाम से जुड़कर अपना व्यवसाय संचालित कर रहे हैं जिससे उनके परिवार की आजीविका चल रही है।बुंदेलखंड का बागेश्वर धाम एक ऐसा तीर्थ है जहां लोग अपनी पीड़ा का निवारण कराने आते हैं और यही के होकर रह जाते हैं। इसी धाम में सैकड़ो लोगों ने न केवल अपनी दैहिक और भौतिक पीड़ा का समाधान पाया बल्कि आय के साधन भी निर्मित कर लिए। देश के विभिन्न हिस्सों से ताल्लुक रखने वाले लोग बागेश्वर धाम में विभिन्न व्यवसाय के माध्यम से अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। अलग-अलग राज्यों से आकर लोग होटल, होम स्टे, गेस्ट हाउस, मिष्ठान भंडार, रेस्टोरेंट, सब्जी, टैक्सी, ई रिक्शा के अलावा पानी की बोतल बेचकर धन कमा रहे हैं। सिर्फ बागेश्वर धाम में ही नहीं बल्कि छतरपुर और पन्ना जिले के ढाबा, होटल भी अच्छी कमाई कर रहे हैं। बागेश्वर धाम से जुड़े सैकड़ो वाहन लोगों को लाने-ले जाने में लगे हैं, यह उनके परिवार के उदर पोषण का सशक्त जरिया बन गया है। यहां चल रही अनवरत अन्नपूर्णा से गरीबों को भोजन मिल रहा है।बागेश्वर धाम के आसपास के क्षेत्र की महिलाओं को धाम में रोजगार के अवसर मिले हैं। घर गृहस्थी में उलझी रहने वाली महिलाएं अपने परिवार की आमदनी बढ़ाने में मदद कर रही है समीपी ग्राम गंज की रहने वाली गायत्री सेन ने बताया कि वह महिलाओं को महावर लगाकर चार पैसे कमा लेती है उसने बताया कि बागेश्वर धाम से उसकी किस्मत बदल गई गरीबी में गुजर बसर करने के कारण बेटी की शादी की चिंता थी लेकिन बालाजी की कृपा से बेटी की शादी धूमधाम से हो चुकी है। इसी तरह गंज की रहने वाली जानकी सेन ने बताया कि वह भी 500 से 1000 रुपए कमा लेती है। लोगों को स्वल्पाहार कराने वाली ग्राम इमलिया निवासी सुनीता कुशवाहा, देवका कुशवाहा, सुशीला कुशवाहा ने बताया कि बागेश्वर धाम से उनकी किस्मत बदल गई। बालाजी की कृपा से वह अपने परिवार को संवारने में मदद कर रही है। इन महिलाओं सहित सैकड़ो ऐसे लोग हैं जिनकी आजीविका बागेश्वर धाम से चल रही है।




Related Articles

Comments
  • No Comments...

Leave a Comment