(छतरपुर)दो दिवसीय दीक्षा महोत्सव में पहले दिन 18 सौ लोगों को मिला गुरु मंत्र

  • 07-Jul-25 12:00 AM

छतरपुर 7 जुलाई (आरएनएस)।संतों की तपोभूमि बागेश्वर धाम में 2 जुलाई से 11 जुलाई तक गुरु पूर्णिमा महोत्सव चल रहा है। इस महोत्सव के बीच सात एवं 8 जुलाई को गुरु दीक्षा महोत्सव रखा गया है। गुरु दीक्षा कार्यक्रम के पहले दिन 18 सौ लोगों को पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मंत्र देकर दीक्षित किया। दो दिनों में 4 हजार लोगों को दीक्षा लेना है। दस राज्यों के लोगों ने गुरु दीक्षा के लिए ऑनलाइन एवं ऑफलाइन पंजीयन कराया है। 9 जुलाई से गुरु पूर्णिमा महोत्सव का मुख्य कार्यक्रम पादुका पूजन और गुरुदेव दर्शन का कार्यक्रम शुरू होगा।बागेश्वर धाम में गुरु दीक्षा महोत्सव के पहले दिन महाराज श्री ने दोपहर करीब 3 बजे कथा पंडाल में पहुंचकर दीक्षा लेने वाले सभी लोगों को दीक्षा के नियम बताए। उन्होंने कहा कि नियम और संयम से रहने वाले ही गुरु मंत्र ले। जीवन भर सनातन के लिए कार्य करने और सनातन का झंडा उठा रहने का आह्वान किया। मध्य प्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, राजस्थान समेत 10 राज्यों से अधिक के लोग महाराज श्री से दीक्षा लेने बागेश्वर धाम आए हैं। बारी-बारी से महाराज श्री ने सभी शिष्यों को मंत्र देकर दीक्षित किया महाराज ने कहा कि सुबह शाम गुरु मंत्र का जाप करें और हृदय में बालाजी का स्मरण करें। उल्लेखनीय है कि दीक्षा लेने वालों का सुबह से आचार्यों ने पूजन कराया। दीक्षा के लिए दिनभर व्रत रहना भी आवश्यक होता है। सभी दीक्षा लेने के आकांक्षी लोगों ने दिनभर व्रत रखा। आचार्यों के पूजन के बाद महाराज श्री ने गुरु मंत्र दिया। बागेश्वर धाम में अपार जन समुदाय गुरु पूर्णिमा महोत्सव में शामिल होने आया है।बागेश्वर धाम में आस्था रखते वाले लोगों की मुरादे पूरी हो रही हैं। जहां एक और बिगड़े काम बन रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर सूनी गोद भर रही है। करीब 18 बच्चों के नामकरण महाराज श्री के द्वारा किए गए। 18 साल बाद जब महिला की गोद भरी तो उसे रहा नहीं गया और वह बच्चे को लेकर बागेश्वर धाम आ गई। महाराज श्री की गोद में रखते हुए महिला ने बेटे का नामकरण करने की प्रार्थना की। महाराज श्री ने आशीर्वाद देते हुए बच्चे का नाम रामानंद रखा। महाराज श्री ने सात बेटियों के बाद बेटा होने पर उसका नाम पवित्रा दिया उत्तर प्रदेश के भदोही से आई एक मां की अर्जी पूरी होने पर नवजात शिशु का नाम पुष्पांजलि रखा महाराष्ट्र की एक महिला का जब गर्भ नहीं ठहर रहा था। हर बार परेशानियां हो रही थी। चार बार गर्भ में बच्चा आने के बाद जब खराब हो गया तो वह बच्चे की आस में बागेश्वर धाम आई। यहां बालाजी के दरबार में अर्जी लगाने के बाद 1 साल में ही उसे बेटे के रूप में आशीर्वाद मिला। महाराज श्री ने इस बच्चे का नाम अखिलेश रखा। एक नवजात शिशु का नाम महाराज श्री में उमा रखा। पठानकोट से आई महिला को 9 साल बाद बेटी हुई। इस बेटी का नाम रिद्धि रखा गया बड़हलगंज बिहार से आई महिला को जुड़वा बच्चों के रूप में आशीर्वाद मिला। महाराज श्री ने राम और श्याम के रूप में नामकरण किया। आजमगढ़ उत्तर प्रदेश से आई एक महिला को 7 साल बाद बच्चा हुआ, महाराज श्री ने उसे राम सनेही नाम दिया। विद्वानों और मनुष्यों की धरती बिहार में बागेश्वर सनातन मठ की स्थापना होगी। बागेश्वर महाराज विगत रोज परशुराम जन्मोत्सव समापन अवसर पर बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। महाराज श्री बिहार से लौटकर आने के बाद कहा कि बिहार अत्यंत पावन धरती है, जल्द ही यहां बागेश्वर सनातन मठ की स्थापना की जाएगी। उन्होंने बिहार के शिष्य मंडलों से कहा कि वह स्थान का चयन करें, स्थान चयनित होते ही मठ की स्थापना का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने इस मठ को बनाने के पीछे अपनी मंशा बताई कि जो साधन संपन्न व्यक्ति हैं वह बागेश्वर धाम आ जाते हैं लेकिन साधनहीन व्यक्तियों को बागेश्वर धाम आने में बड़ी कठिनाई होती है इसलिए ऐसे श्रद्धालुओं से बागेश्वर सनातन मठ में बिहार में ही भेंट हो सकेगी।




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