(छतरपुर)पं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने केन नदी के तट पर किया स्नान, भोलेनाथ को जल चढ़ाकर पूर्ण किया व्रत

  • 01-Oct-25 12:00 AM

छतरपुर 1 अक्टूबर (आरएनएस)।बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री नवरात्रि में जनकल्याण और भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का संकल्प लेकर साधना में लीन रहे। कठिन व्रत लेकर नौ दिन साधना करने के बाद दसवें दिन कर्णावती नदी केन के तट पर स्नान करते हुए भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ाया, इसके बाद उन्होंने अपना व्रत पूर्ण किया। सुरक्षा की दृष्टि से के नदी के किनारे खजुराहो एसडीओपी मनमोहन सिंह बघेल, थाना प्रभारी बमीठा आशुतोष श्रोत्रिय एवं चंद्र नगर चौकी प्रभारी सिद्धार्थ शर्मा सहित भारी पुलिस बल मौजूद रहा। वहीं महाराज श्री के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में आसपास के ग्रामीण मौजूद रहे।बनारस के विद्वान आचार्य राजा पांडे ने बताया कि सिद्ध पीठ बागेश्वर धाम में 9 दिनों तक शतचंडी यज्ञ आयोजित हुआ। बागेश्वर महाराज 9 दिनों तक व्रत लेकर साधना करते रहे, दसवें दिन केन नदी के तट पर जल, थल और वायु देवताओं का विधि विधान से पूजन किया गया। महाराज श्री ने स्नान कर भगवान शिव को जल चढ़ाया और इसके पश्चात अपना व्रत पूर्ण किया। उन्होंने बुंदेली व्यंजन के साथ व्रत का पारण किया। उल्लेखनीय है कि 9 दिनों तक साधना करने के साथ ही महाराज श्री देवी के 9 रूपों की महिमा हजारों धर्म प्रेमियों को सुनाई। गत वर्ष भी महाराज श्री ने साधना के बाद केन नदी के तट पर स्नान करके अपना व्रत पूर्ण किया था।नवरात्रि के पहले दिन ही माता को वैदिक मंत्र कर के साथ स्थापित किया जाता है 9 दिनों तक सेवा पूजा करने के बाद दसवें दिन माता की विदाई होती है। परंपरा अनुरूप इस वर्ष भी स्थापित की गई प्रतिमाओं की अंतिम आरती करते हुए उन्हें विदाई दी गई विदाई के समय माहौल एकदम से परिवर्तित हो गया लोगों की आंखों से अश्रुधारा बहने लगी थी। खासतौर से महिलाएं माता की विदाई में द्रवित दिखाई दी। विदाई के पहले भक्ति भाव के साथ लोकेश गर्ग माता रानी की आरती उतारी वहीं बागेश्वर महाराज की माताजी ने भी आरती उतार कर माता रानी का आशीर्वाद लिया। गांव में स्थापित की गई सभी मूर्तियां की शोभायात्रा एक साथ निकाली गई, इसके बाद गाजे बाजे के साथ उन्हें विसर्जन के लिए ले जाया गया।




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