(छतरपुर)संस्कृति और संस्कारों के संरक्षण में संस्कृत की महती भूमिका-निकिता यादव
- 01-Aug-25 12:00 AM
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छतरपुर 1 अगस्त (आरएनएस)।महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय,छतरपुर के संस्कृत अध्ययन शाला एवं शोध केंद्र द्वारा शुक्रवार 1 अगस्त 2025 को विभागाध्यक्ष डॉक्टर शीला नायक की अध्यक्षता में संस्कृत परिषद द्वारा संस्कृत सप्ताहÓ का शुभारंभ कर्मशिला भवन में डॉ.ऊषा शुक्ला और डॉ. रविशंकर द्विवेदी के आतिथ्य में हुआ द्य कार्यक्रम की शुरुआत मंत्रोच्चारण के साथ संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वंदना से हुई। अतिथि देवो भव: की परंपरा का अनुकरण करते हुए कार्यक्रम की अध्यक्ष डॉ शीला नायक द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया। 01 अगस्त से 07 अगस्त तक आयोजित इस कार्यक्रम में संस्कृत की विभिन्न विधाओं में प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित करते हुए डॉ रविशंकर द्विवेदी ने कहा कि संस्कृत भाषा के संरक्षण व विकास के लिए संस्कृत का अध्ययन करना चाहिए। आपने बताया कि संस्कृत भाषा में शासकीय और अशासकीय क्षेत्रों में रोजगार के अनेक अवसर हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों को संस्कृत उत्साह पूर्वक अध्ययन करनी चाहिए।डॉ. अनूप दीक्षित ने संस्कृत को देववाणी कहा।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं संस्कृत विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ शीला नायक ने कहा संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है और संस्कृत, संस्कृति - संस्कार और सभ्यता के मध्य सेतु का काम करती है। नासा ने अपनी खोज में कंप्यूटर के लिए संस्कृत को सर्वोत्तम भाषा स्वीकारा है।संस्कृत की प्राध्यापक निकिता यादव ने अपने उद्बोधन में कहा कि संस्कृति और संस्कारों के संरक्षण में संस्कृत भाषा की महती भूमिका है। विद्यार्थियों ने उत्साहित होकर संस्कृत के श्लोकों का वाचन एवं संस्कृत गीत गुनगुनाए। कार्यक्रम के अंत में स्नातकोत्तर छात्र हेमांशु प्रसाद तिवारी ने मुख्य अतिथि सहित अन्य सभी का आभार व्यक्त किया।कार्यक्रम का संचालन संस्कृत परिषद अध्यक्ष स्नातकोत्तर छात्र राहुल पटेल एवं उनके सहयोगी स्नातक छात्र ध्रुव पाठक ने किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के आचार्यगण प्रो.निकिता यादव, कपिल देव,डॉ.प्रेमनारायण अहिरवार , संस्कृत शोधार्थी,स्नातक एवं स्नातकोत्तर के सभी विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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