(छतरपुर)सोलह महीने पहले रद्द हो गया अनुबंध, फिर भी हर महीने हो रहा ढाई लाख का भुगतान

  • 27-Jun-25 12:00 AM

छतरपुर 27 जून (आरएनएस)। अधिकारियों ने आउटसोर्सिंग को राम की चिडिय़ा राम का खेत बना रखा है और उसे भर-भर पेट खाने में जुटे हुए हैं ताजा मामला डीपीसी कार्यालय का प्रकाश में आया है 7 यहां जिस कंपनी को आउटसोर्सिंग का टेंडर दिया गया था उसका अनुबंध 16 महीने पहले समाप्त हो गया है लेकिन उस कंपनी को लगातार ढाई लाख रुपए महीने का भुगतान किया जा रहा है 7अधिकारियों की मनमानी और हठधर्मिता की पराकाष्ठा देखिए की ना तो दूसरी कंपनी को टेंडर दिया जा रहा है और ना ही पुरानी कंपनी के अनुबंध को बढ़ाया जा रहा है बल्कि रद्द हो चुके अनुबंध के बाद भी ढाई लाख रुपए महीने का भुगतान पिछले 16 महीने से किया जा रहा है 7सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला शिक्षा केंद्र में 3 साल पहले गलत तरीके से आईटी गुरुकुल नामक एक कंपनी को टेंडर दिया गया था सूत्र बताते हैं की फरवरी 2024 में इस कंपनी का अनुबंध समाप्त हो गया है लेकिन उसके बाद भी ना तो कंपनी की सेवाएं लेना वंद की गई, ना दूसरी कंपनी को टेंडर दिया गया,बल्कि उल्टे जिस कंपनी का अनुबंध समाप्त हो गया है उसे ही पिछले 16 महीने से ढाई लाख रुपए महीने का भुगतान किया जा रहा है 7 बताते चलें की जिला शिक्षा कार्यालय में मुख्यालय सहित नौगांव, बक्सवाहा,बड़ामलहरा,राजनगर, लवकुशनगर, और गौरिहार के जनपद शिक्षा केद्रो में आउटसोर्सिंग आधार पर कंप्यूटर ऑपरेटर की सेवाएं ली जा रही है 7*दिया तले अंधेरा :-* जिला शिक्षा केंद्र कार्यालय में चल रही इस धांधलेबाजी को दिया तले अंधेरा कहा जा रहा है सूत्र बताते हैं की जिला शिक्षा केंद्र की प्रत्येक फाइल जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं कलेक्टर तक जाती है,बताया जाता है की भुगतान की फाइल भी जिला पंचायत की टेबल तक सहमति के लिए जाती है मतलब जिन कंधों पर जिले में भ्रष्टाचार रोकने और नियमानुसार काम कराने की जिम्मेदारी है उन्हीं के हस्ताक्षरों से गुजरने वाली फाइल की जानकारी उन्हें नहीं है और उच्च अधिकारी भी पिछले 16 महीने से रद्द हुए अनुबंध के भुगतान की फाइल पर सीधे तौर पर हस्ताक्षर कर रहे हैं अब इसे दिया पहले अंधेरा माना जाना चाहिए या नहीं?




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