(छतरपुर)हर्षोल्लाह के साथ मनाया गया विश्वविद्यालय का ग्यारहवां स्थापना दिवस

  • 09-Jul-25 12:00 AM

छतरपुर9 जुलाई (आरएनएस)।महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, छतरपुर में कुलगुरु प्रो. शुभा तिवारी के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय का 11वां स्थापना दिवस बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया लिए अवसर पर अनेक कार्यक्रम आयोजित हुए।मीडिया समिति की सदस्य पूजा तिवारी के मुताबिक विश्वविद्यालय का 11वां स्थापना दिवस का कार्यक्रम विश्वविद्यालय के जेसी बोस सभागार में दोपहर 3 बजे से कुलगुरु प्रो. शुभा तिवारी की अध्यक्षता में प्रारंभ हुआ। इस कार्यक्रम में कुलगुरु महोदया के साथ विश्वविद्यालय के कुलगान के रचयिता सुरेंद्र शर्मा सुमन, डीसीडीसी प्रो ओ.पी. अरजरिया, परीक्षा नियंत्रक डॉ एन. पी. प्रजापति, डीएसडब्ल्यू डा आर एस सिसोदिया एवं वरिष्ठ आचार्य प्रो. ममता वाजपेई मंचासीन रही।कार्यक्रम का प्रारंभ मां सरस्वती के चरणों में माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। मंचासीन अतिथियों का पुष्प गुच्छ द्वारा स्वागत किया गया।इस स्थापना दिवस के अवसर पर संगीत विभाग की सुकन्या श्रीवास्तव एवं शिवम स्वर्णकार के नेतृत्व में संगीत विभाग की छात्राओं द्वारा विश्वविद्यालय कुलगान की सुरमय प्रस्तुति दी गई।प्रो.ममता वाजपेई ने अपने उद्बोधन में कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की।कार्यक्रम में संगीत विभाग द्वारा बुंदेली लोकगीत की सुंदर प्रस्तुति दी गई।डायरेक्टर रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रो बी.एस. परमार द्वारा विगत एक वर्ष में विश्वविद्यालय द्वारा प्राप्त की गई उपलब्धियां को सभी के सामने प्रस्तुत किया एवं विश्वविद्यालय की प्रगति को इसी तरह निरंतर बनाए रखने के लिए संकल्पित होने की भावना प्रकट की।विश्वविद्यालय की कुलगान रचयिता सुरेंद्र शर्मा सुमन ने एक मनोहारी कविता सुनाई। कुलगुरु प्रो शुभा तिवारी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि स्व के आगे सोचना, जो कि हम सभी ने किया है, वह बड़ी बात हैद्य हमको अपने मार्ग से विचलित नहीं होना है, हम जिस मार्ग पर चल रहे हैं उस पर चलते रहना है क्योंकि यह बुंदेलखंड का भविष्य है। स्व से ऊपर उठकर हम सभी ने जो कार्य किया है उसे करते जाना है क्योंकि बुंदेलखंड के भविष्य को सवरना है।कार्यक्रम के अंत में वरिष्ठ आचार्य प्रो ममता वाजपेई के निर्देशन में राकेश कुड़ेरिया एवं नरेश राजपूत द्वारा निर्मित महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय पर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री को दिखाया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी आचार्य गण एवं बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित रहे।




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