(छतरपुर) समाजशास्त्र अध्ययनशाला एवं शोध केंद्र द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का भव्यतापूर्ण समापन
- 27-Jul-25 12:00 AM
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छतरपुर, 27 जुलाई (आरएनएस)। महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, छतरपुर के समाजशास्त्र अध्ययनशाला एवं शोध केंद्र द्वारा एवं पीएम ऊषा के तत्वधान में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन विश्वविद्यालय की कुलगुरु प्रो. शुभा तिवारी के संरक्षण में तथा कुलसचिव यशवंत सिंह पटेल के मार्गदर्शन में किया गया। कार्यक्रम का संयोजन प्रो. ममता वाजपेयी, अध्यक्ष, समाजशास्त्र अध्ययनशाला के द्वारा किया गया।संगोष्ठी का उद्घाटन सत्र दिनांक 24 जुलाई को 11 बजे से जे सी हाल में प्रारंभ हुआ जिसकी अध्यक्षता मा. कुलगुरु महोदया द्वारा की गई एवं मुख्य अतिथि के रूप में प्रो सुरेश चंद्र राय,प्राचार्य शा.पीजी कॉलेज सतना उपस्थित रहे। कुलगुरु महोदया ने सांगोष्ठी में कहा कि सशक्त भारत 2047 महिला सशक्तिकरण से ही संभव है एवं प्रो सुरेश चंद्र राय ने कहा भारत में महिलाओं के सामने चुनौतियों एवं अवसर पर प्रकाश डाला। उद्घाटन सत्र में विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ के बी अहिरवार (निदेशक, प्लानिंग एवं डेवलमेंट) प्रो ऊषा शुक्ला, डॉ गीता दुबे, प्रो मुक्ता मिश्रा आदि प्राध्यापकगण उपस्थित भी रहे। सह संयोजक डॉ शशिकांत अवस्थी तथा विश्वविद्यालय के शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक संवर्ग से अधिकारी कर्मचारीगण उपस्थित रहे। सत्र का कुशल संचालन कु. इला कौशिक ने किया।प्रथम तकनीकी सत्र 2 बजे से 3:30 तक आयोजित हुआ जिसकी अध्यक्षता डॉ गीता दुबे, अध्यक्ष राजनीति विज्ञान अध्ययनशाला द्वारा की गई। प्रथम वक्ता के रूप में प्रो सुरेश चंद्र राय प्राचार्य पीजी कॉलेज सतना ने अपने उद्बोधन के माध्यम से संगोष्ठी की विषय वस्तु पर प्रकाश डालते हुए महिला सशक्तिकरण एवं नेतृत्व पर विस्तृत चर्चा की उन्होंने बताया कि वर्ष 2047 में महिलाओं की सहभागिता 50त्न से अधिक हो जाएगी जो भारत को और अधिक सशक्त करेगी। एवं उन्होंने बताया महिला सदैव समाज निर्माण की भूमिका में अग्रसर रही है।सत्र के द्वितीय वक्ता के रूप में प्रो विनोद कुमार रस्तोगी, शा. पी जी कॉलेज, सतना उपस्थित रहे। इस सत्र का कुशल संचालन कु वंशिता जैन के द्वारा किया गया।द्वितीय तकनीकी सत्र 3:45 से 5:00 तक आयोजित हुआ जिसकी अध्यक्षता प्रो. मुक्ता मिश्रा, अध्यक्ष, इतिहास अध्ययनशाला द्वारा की गई। प्रथम वक्ता के रूप में डॉ ध्रुव दीक्षित, प्राध्यापक, केसरवानी कॉलेज जबलपुर ने कहा कि महिलाएं सदैव सृजन ने का कार्य करती रही है। तथा सत्र के द्वितीय व्यक्ता डॉ मुनीर इलात, सहायक प्राध्यापक इलाहाबाद विश्वविद्यालय,प्रयागराज ने बताया भारत की महिलाएं सभी क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रही है यह शसक्त होती महिलाओं का उदाहरण है। सत्र के तृतीय वक्ता के रूप में डॉ अक्षय जैन सहायक प्राध्यापक अनुग्रह नारायण स्मारक कॉलेज, नबीनगर,औरंगाबाद, बिहार ने अपने व्याख्यान में महिलाओं को चेंजमेकर्स की भूमिका पर तथा उसमें आने वाली परेशानियों पर विस्तृत चर्चा की। सत्र का कुशल संचालन वंशिता जैन ने किया।तृतीय तकनीकी सत्र 25 जुलाई को 11 बजे से 1 बजे तक आयोजित हुआ जिसकी अध्यक्षता प्रो विभा वासुदेव अध्यक्ष अर्थशास्त्र अध्ययनशाला ने की। प्रथम वक्ता के रूप में डॉ प्रभा त्रिमरे सहायक प्राध्यापक कॉलेज ऑफ सोशल वर्क, मुंबई जो सत्र में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़ी और उन्होंने अपने विचार सभी के समक्ष रखे। एवं सत्र में द्वितीय वक्ता के रूप में डॉ मोरध्वज धाकड़ विएना, ऑस्ट्रिया से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संगोष्ठी में जुड़े और उन्होंने आपने व्याख्यान कहा कि महिलाओं के शैक्षणिक स्तर में लगातार सुधार होना एक मजबूत देश का प्रतीक है। सत्र के दौरान छ: शोधार्थी ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। सत्र का सफल संचालन डॉ नीना चौरसिया ने किया।चतुर्थ तकनीकी सत्र में अध्यक्ष के रूप में प्रो. कृष्णा शुक्ला, अध्यक्ष भूगोल अध्ययनशाला ने की। प्रथम वक्ता के रूप में आमंत्रित डॉ शिवानी राय सहायक प्राध्यापक शा. कॉलेज हटा तथा दूसरे वक्ता डॉ. मयंक तोमर सहायक प्राध्यापक एमिटी युनिवर्सिटी,नोएडा रहे। डॉ राय ने अपने व्याख्यान में महिलाओं के उद्योग में बढ़ती भूमिका पर प्रकाश डाला। सत्र के दौरान शोधार्थी द्वारा 08 शोध पत्रों का वाचन किया गया। सत्र का कुशल संचालन कु. वंशिता जैन द्वारा किया गया।दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का प्रतिवेदन सह-संयोजक डॉ शशिकांत अवस्थी द्वारा पढ़ा गया, सेमिनार की संयोजक डॉ ममता वाजपेई द्वारा, सेमिनार में सम्मिलित हुए समस्त प्रतिभागियों एवं सेमिनार कार्य समितियों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया,इस सत्र के उपरांत सहभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।समापन सत्र का आयोजन रात्रि 7:30 से विश्वविद्यालय के नेवी हॉल में आयोजित हुआ। जिसमें अध्यक्ष के रूप में विश्वविद्यालय की कुलगुरु प्रो शुभा तिवारी तथा मुख्य वक्ता के रूप वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से टोरंटो, कनाडा से आमंत्रित एलेक्सिया सिटो,कार्यकारी निर्देशक, लव पीस हार्मनी फाउंडेशन, ने अपने व्याख्यान में कहा कि भारत की महिलाओं की राजनैतिक भूमिका लगातार बढ़ा रही है। जो कि भारत की मजबूत स्थिति को प्रदर्शित कर रही है। महिलाएं अपने साथ साथ अन्य वर्गों को भी समानता से अवसर प्रदान करती है। कार्यक्रम के अंत में डॉ वी पी सिंह गौर ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस सत्र का कुशल संचालन सुयश सागर बाजपेयी द्वारा किया गया।
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