(जगदलपुर) अब बस्तर शिल्प की भी होगी डिजिटल मार्केटिंग

  • 30-Sep-25 02:07 AM

0 कारीगरों को डिजिटल मार्केटिंग के गुर सिखा रहे हैं विशेषज्ञ राहुल पाण्डेय
0 देश दुनिया में मिलेगी बस्तर शिल्प को पहचान
जगदलपुर, 30 सितंबर (आरएनएस)। बस्तर शिल्प वैसे तो बहुत ही अच्छी ख्याति अर्जित कर चुका है, मगर अब जल्द ही इसे देश दुनिया में बड़ी पहचान मिलने वाली है। बस्तर आर्ट के शिल्पी डिजिटल मार्केटिंग के गुर सीख रहे हैं और इसके जरिए वे अपनी कला को बस्तर के जंगलों से निकाल कर दुनिया के कोने कोने तक पहुंचा सकेंगे। जाने माने डिजिटल मार्केटिंग विशेषज्ञ राहुल कुमार पाण्डेय बस्तर के कारीगरों को डिजिटल मार्केटिंग में पारंगत बनाने के लिए जुट गए हैं।
बस्तर शिल्प हैंडीक्राफ्ट्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड द्वारा आयुक्त हस्तशिल्प एवं वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में छह दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम का आयोजन शहर के एक निजी होटल में किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बस्तर के कारीगरों एवं उद्यमियों को आधुनिक व्यवसायिक तकनीकों से जोडऩा और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सशक्त कदम बढ़ाना है। इस अवसर पर डिजिटल मार्केटिंग विशेषज्ञ राहुल कुमार पाण्डेय ने कारीगरों को डिजिटल माध्यमों से अपने शिल्प और उत्पादों को राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने के गुर सिखा रहे हैं।उन्होंने उदाहरणों और प्रेरक अंदाज़ में बताया कि किस प्रकार डिजिटल मार्केटिंग किसी भी पारंपरिक व्यवसाय को स्थानीय से वैश्विक बना सकती है। राहुल पाण्डेय ने कहा- बस्तर की कला और शिल्प केवल परंपरा ही नहीं, बल्कि भारत की पहचान भी है। यदि हमारे कारीगर डिजिटल साधनों का सही उपयोग करें, तो उनका हुनर दुनिया के हर कोने तक पहुंच सकता है। मेरा संकल्प है कि यहां का हर कारीगर डिजिटल पंख लगाकर अपने व्यवसाय को नई उड़ान दें। कारीगरों और प्रतिभागियों ने इस प्रशिक्षण को प्रेरणादायी और उपयोगी बताया। उनका कहना था कि राहुल कुमार पाण्डेय जैसे प्रशिक्षक ही वास्तव में बस्तर के कारीगरों को नई दिशा दे सकते हैं और ऐसे कार्यक्रम उनके जीवन और व्यवसाय में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले सिद्ध होंगे। यह कार्यक्रम न केवल स्थानीय कला एवं शिल्प को प्रोत्साहन दे रहा है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल भी है।
सतेन्द्र
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