
(जगदलपुर) अभ्यारण्यों में बाघों की लगातार बढ़ती संख्या से वन मंत्री कश्यप गदगद
- 29-Sep-25 01:24 AM
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0 साय के सुशासन के बीच जंगल में मंगल का माहौल बना रहे हैं वन मंत्री केदार कश्यप
0 छत्तीसगढ़ के जंगल और जलवायु बाघों के लिए अनुकूल: कश्यप
0 अन्य जंगली जानवरों के संरक्षण का हो रहा प्रयास
= अर्जुन झा =
जगदलपुर, 29 सितंबर (आरएनएस)। छत्तीसगढ़ के जंगलों और अभ्यारण्यों में बाघों की संख्या लगातार बढ़ वन मंत्री केदार कश्यप ने रही है। यह राज्य के वन मंत्री केदार कश्यप और विभाग के अधिकारी कर्मचारियीं की सजगता तथा मेहनत का ही सुफल है। इस बड़ी कामयाबी से वन मंत्री केदार कश्यप बेहद खुश हैं। केदार कश्यप प्रदेश में बाघों सहित तमाम वन्य प्राणियों के संरक्षण एवं उनकी आबादी बढ़ाने कृत संकल्प हैं।

बस्तर के इंद्रावती टाइगर रिजर्व समेत सीतानदी अभ्यारण्य, अचानकमार अभ्यारण्य और अन्य अभ्यारण्यों में बाघों, वन भैंसों और दूसरे प्राणियों की संख्या बढ़ाने धरातल पर ठोस उपाय किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन को वन मंत्री केदार कश्यप जंगलों में भी परिलक्षित कराने की कोशिश में लगातार लगे हुए हैं। इंद्रावती टाइगर रिजर्व बीजापुर में शेरों की संख्या तो बढ़ी है, मगर चिंता की बात यह है कि यहां दूसरे राज्यों के शिकारी और उनके स्थानीय मददगार सक्रिय हैं। कुछ ही दिनों पहले यहां जंगल में एक तेंदुआ घायल अवस्था में मिला था, जिसकी कुछ ही देर बाद मौत हो गई थी। बताते हैं कि इंद्रावती टाइगर रिजर्व में भी बाघ मौजूद हैं, मगर तेंदुए की मौत ने उनकी सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। दूसरी ओर उदंती अभ्यारण्य में वनभैसों का कुनबा भी लगातार बढ़ रहा है। यहां अब वनभैंसों की संख्या लगभग डेढ़ दर्जन हो चुकी है। इसी तरह अचानकमार अभ्यारण्य में बाघों की संख्या 5 से उछाल मार कर 18 तक पहुंच गई है यह निश्चित तौर पर एक बड़ी उपलब्धि है। वन मंत्री केदार कश्यप वास्तव में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन के दम पर जंगल में मंगल लाने की कवायद में जुटे हुए हैं। केदार कश्यप इसके लिए लगातार राज्य के जिलों का लगातार दौरा कर अधिकारियों की बैठकें ले रहे हैं और उन्हें इन प्रयासों के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। इसी कड़ी में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने इको पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक विस्तृत कार्य योजना बनाने को कहा है। उन्होंने कहा कि बिलासपुर संभाग में देखने, घूमने-फिरने और मनोरंजन के लिए कई आकर्षक केंद्र हैं। इन केंद्रों तक आसान पहुंच मार्ग और कुछ बुनियादी सुविधाएं विकसित किए जाएं, तो और बड़ी संख्या में लोग पहुंच सकेंगे। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने के साथ छत्तीसगढ़ की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान भी बढ़ेगी। केदार कश्यप बिलासपुर जिला कार्यालय के मंथन सभाकक्ष में बिलासपुर वन वृत्त के वरिष्ठ वन अधिकारियों की बैठक लेकर विभाग के कामकाज की समीक्षा की। बैठक में पीसीसीएफ एवं वन बल प्रमुख व्ही. श्रीनिवास राव, प्रबंध संचालक, लघु वनोपज सहकारी संघ अनिल साहू, पीसीसीएफ वन्य प्राणी अरुण पाण्डेय सहित अरण्य भवन के एपीसीसीएफ, सीसीएफ और वृत्त के सभी वन मंडल के डीएफओ उपस्थित थे। वन मंत्री केदार कश्यप ने तेंदूपत्ता पारिश्रमिक के बचे हुए भुगतान को दीपावली के पहले करने के निर्देश दिए। बैंक खाता की तकनीकी दिक्कतों का निदान कर तत्काल हितग्राही के खाते में भुगतान सुनिश्चित किया जाए। वन मंत्री केदार कश्यप ने अचानकमार अभ्यारण में बाघों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि पर खुशी जाहिर की। अधिकारियों ने बताया कि शावक मिलाकर बाघों की संख्या पिछले दो-तीन साल में 5 से बढ़कर 18 हो गई है। केदार कश्यप ने कहा कि अचानकमार सेंट्रल इंडिया का सबसे बड़ा पर्यटन हब बन सकता है। नजदीक में हवाई, रेल सहित सभी तरह की आवागमन की सुविधा यहां तक पहुंचाने के लिए अनुकूल हैं।
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होंगे सेलिब्रिटीज़ के कार्यक्रम
वन मंत्री केदार कश्यप ने अचानकमार से लगे क्षेत्रों में बड़े सेलिब्रिटीज़ के कार्यक्रम आयोजित कर प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए। मंत्री कश्यप ने कहा कि तखतपुर के कोपरा जलाशय को रामसर साइट बनाने के कार्य में तेजी लाई जाए। इसी तरह संभाग के वन क्षेत्रों में औरापानी, खुडिय़ा, कोटमी सोनार मगरमच्छ पार्क, गोमर्डा अभ्यारण्य, रामझरना रायगढ़, सतरेंगा कोरबा, बुका पिकनिक स्पॉट कटघोरा आदि दर्शनीय पर्यटन स्थलों को विकसित कर लोगों के लिए और आकर्षण का केंद्र बनाया जा सकता है। वन मंत्री कश्यप ने हाथी मानव द्वंद्व पर कहा की हमें हाथी के साथ रहने की आदत डालना होगा। उन्हें उनके रहवास से दूर अन्यत्र भागना नहीं है। लेकिन यह भी देखना होगा कि वह जनहानि या अन्य किसी तरह की हानि न कर पाएं इसके लिए हमें स्वयं ही सचेत रहना पड़ेगा ताकि वे नुकसान ना कर सकें। कटघोरा वन मंडल में हाथी जागरूकता के लिए एआई आधारित एप की उपयोगिता की उन्होंने प्रशंसा की।
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