
(जगदलपुर) बस्तर दशहरा: राजा ने पूरी की 600 साल पुरानी निशा जात्रा की रस्म
- 01-Oct-25 06:46 AM
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जगदलपुर, 01 अक्टूबर (आरएनएस)। बस्तर दशहरा के भव्य आयोजन के बीच, बस्तर राज परिवार के मुखिया राजा कमलचंद भंजदेव ने एक अनोखी और 600 साल पुरानी परंपरा 'निशा जात्राÓ की रस्म देर रात पूरी की. इस तांत्रिक अनुष्ठान का मुख्य उद्देश्य देवी-देवताओं को प्रसन्न करना और बस्तर को बुरी प्रेत आत्माओं तथा नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षित रखना है.

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यह विशेष रस्म अष्टमी और नवमी तिथि की मध्यरात्रि को निभाई जाती है. परंपरा के अनुसार, राजा कमलचंद भंजदेव ने बस्तर राज परिवार के प्रमुख सदस्यों और मां दंतेश्वरी मंदिर के पुजारियों के साथ पैदल चलकर अनुपमा चौक स्थित गुड़ी (मंदिर) तक यात्रा की. गुड़ी में, राजा और पुजारियों ने तांत्रिक रीति-रिवाज से विशेष पूजा-अर्चना की. इस दौरान, बस्तर के निवासियों की खुशहाली और क्षेत्र की सुरक्षा के लिए प्रार्थना की गई. अनुष्ठान के दौरान माता को प्रसन्न करने के लिए उन्हें भोग चढ़ाया गया और परंपरा के तहत बकरों की बलि भी दी गई. बस्तर दशहरा की यह 'निशा जात्राÓ रस्म बस्तर की अद्वितीय संस्कृति और यहां की गहरी आस्था का प्रतीक है, जो सदियों से चली आ रही है.
बंछोर
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