(जगदलपुर) मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय शामिल मुरिया दरबार में

  • 15-Oct-24 02:54 AM

0 बस्तर दशहरा हमारी समृद्ध संस्कृति का घोतक
जगदलपुर, 15 अक्टूबर (आरएनएस)। विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व आस्था और परम्परा का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है, जो सर्वाधिक लम्बी अवधि तक मनाया जाता है। इस बस्तर दशहरा पर्व को बस्तर अंचल के सभी लोग पूरी श्रद्धा-आस्था के साथ मनाते हैं। और इसमें सक्रिय सहभागिता निभाते हैं।अब देश-दुनिया के लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध हो गया है, जिससे अब पर्यटकों की वृद्धि के साथ ही स्थानीय लोगों की आय संवृद्धि को बल मिला है। बस्तर दशहरा पर्व आस्था का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मंगलवार को ऐतिहासिक सिरहासार भवन में आयोजित विश्वप्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व के मुरिया दरबार को सम्बोधित करते कहा। उन्होंने इस अवसर पर माडिया सराय में विकास कार्य हेतु 50 लाख रुपए की घोषणा की। वहीं मांझी-चालकी और मेम्बर-मेंबरीन के मानदेय में बढ़ोतरी हेतु प्रशासन और बस्तर दशहरा समिति से प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने बस्तर दशहरा पर्व के ऐतिहासिक मुरिया दरबार में सम्मिलित होने पर खुशी व्यक्त करते हुए इसे एक अनोखी परम्परा निरूपित करते हुए कहा कि यह सदियों से चली आ रही है। बस्तर दशहरा पर्व हमारी समृद्ध संस्कृति का घोतक है। मुख्यमंत्री ने करीब 3 करोड़ रुपए की लागत से विकसित दशराहा पसरा को बस्तर दशहरा पर्व में आए मांझी-चालकी तथा अन्य लोगों की सुविधाएं मुहैया करवाने की दिशा में सार्थक प्रयास निरूपित करते हुए कहा कि बस्तर दशहरा पर्व के लिए पूर्व में निर्धारित बजट को 50 लाख रुपए कर दिया गया है। उन्होंने मुरिया दरबार में मांझी-चालकी,मेम्बर-मेम्बरीन और बस्तर दशहरा समिति के पदाधिकारियों द्वारा अवगत करवाए गए मांग एवं समस्याओं को निराकृत किए जाने कटिबद्धता व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने दशहरा पर्व में सक्रिय सहभागिता निभाने के लिए सभी लोगों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने मुरिया दरबार में बस्तर विकास प्राधिकरण के पुरखती कागजात का अंग्रेजी संस्करण का विमोचन भी किया।      मुरिया दरबार में बस्तर अंचल के मंत्री,सांसद एवं विधायकों सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों और बस्तर राज परिवार के सदस्य कमलचन्द्र भंजदेव, बस्तर दशहरा समिति के उपाध्यक्ष,बस्तर संभाग के विभिन्न क्षेत्रों से आये मांझी-चालकी, मेम्बर-मेम्बरीन तथा बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक, ग्रामीणजन सम्मिलित हुए। इस अवसर पर माटी पुजारी कमलचन्द्र भंजदेव ने बस्तर दशहरा पर्व के ऐतिहासिक महत्व की जानकारी देते हुए इसे सामाजिक समरसता का अनुपम उदाहरण रेखांकित किया। उन्होंने बस्तर दशहरा पर्व में शामिल होने के लिए आने वाले देवी-देवताओं हेतु देव सराय की व्यवस्था तथा मांझी-चालकी, पुजारी,गायता सहित ग्रामीणों के ठहरने के लिए बेहतर सुविधाओं की बेहतर सुलभता के लिए राज्य सरकार के पहल को सराहनीय निरूपित किया। मुरिया दरबार में वन मंत्री केदार कश्यप सहित सांसद बस्तर एवं अध्यक्ष बस्तर दशहरा समिति महेश कश्यप और विधायक किरणदेव ने बस्तरवासियों को बस्तर दशहरा पर्व की शुभकामनाएं दी। इस दौरान बस्तर दशहरा समिति के उपाध्यक्ष लक्ष्मण मांझी ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व सभी के सहयोग तथा व्यापक सहभागिता से सफलतापूर्वक संपन्न हुई। आने वाले साल में इसे और अधिक  बेहतर और भव्यता के साथ मनाएंगे। इस अवसर पर मांझी-चालकी और मेम्बर-मेम्बरीन को मोबाइल प्रदान किया गया।
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