(जगदलपुर) स्वदेशी मेला में महिला समूहों के उत्पाद खुब लुभा रहे ग्राहकों को

  • 05-Oct-25 12:10 PM

0 स्थानीय संस्कृति ने  बिखेरी अनूठी छटा
= केशव सल्होत्रा =
जगदलपुर, 05 अक्टूबर (आरएनएस)। बस्तर दशहरे के अवसर पर 1 से 8 अक्टूबर तक बस्तर जिले में आयोजित स्वदेशी मेला ने स्थानीय संस्कृति और ग्रामीण आजीविका की अनूठी छटा बिखेर दी है। इस मेले में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने अपने हाथों से बने उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों को प्रदर्शित और विक्रय कर आत्मनिर्भरता का संदेश दिया है।
जिला पंचायत स्टॉल बना आकर्षण का केंद्र
मेले में जिला पंचायत का स्टॉल आकर्षण का केंद्र बन गया है। जहां बस्तर और संभाग के अन्य जिलों की महिला समूहों द्वारा उत्पादित विविध सामग्रियां ग्राहकों को खूब लुभा रही हैं। इस स्टॉल पर विशेष रूप से हल्दी, मिर्ची, धनिया, तीखुर जैसे शुद्ध मसाले, साथ ही पारंपरिक व्यंजन जैसे महुआ लड्डू, इमली चपाती, कुकीज़, और मिक्सचर उपलब्ध हैं।
कला और शिल्प का अद्भुत संगम
उत्पादों की श्रंखला सिर्फ खाद्य सामग्रियों तक सीमित नहीं है। यहां बेलमेटल की उत्कृष्ट कलाकृतियाँ, काष्ठकला के महीन नमूने, और पारंपरिक वेशभूषा एवं सूती वस्त्र जैसे परिधान भी प्रदर्शित किए गए हैं। इसके अलावा, बाँस के समान, सीसल और जूट से बने आकर्षक उत्पाद, हस्तनिर्मित ज्वैलरी तथा घर की रोजमर्रा की ज़रूरतों के लिए साबुन, सर्फ, फिनाइल और सेनेटरी पैड जैसे उत्पाद भी बिक्री के लिए उपलब्ध हैं।
इस मेले में बस्तर संभाग के अन्य जिलों के स्वयं सहायता समूह सदस्यों द्वारा बनाए गए उत्पादों को भी शामिल किया गया है, जो 'लोकल फॉर वोकलÓ की भावना को बल देते हुए ग्रामीण महिलाओं के उद्यमशीलता के हुनर को एक बड़ा मंच प्रदान कर रहा है।
यह मेला ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण की कहानी भी बयां कर रहा है। स्थानीय उत्पादों की खरीद कर, लोग सीधे इन मेहनती महिला समूहों की आजीविका में सहयोग कर रहे हैं। यह आयोजन 8 अक्टूबर तक चलेगा और स्थानीय उत्पादों का यह खजाना सभी आगंतुकों के लिए खुला है।
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