
(जगदलपुर ग्रामीणों की उम्मीदों पर पानी फेर रही है प्यासी टंकी
- 23-Sep-25 02:44 AM
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० = 88.42 लाख बह गए पानी में, ग्रामीणों को नहीं मिल पाया बूंद भर पानी =
० = कोलचुर गांव में दिखी पीएचई की जरगुजारी =
-अर्जुन झा-
जगदलपुर, 23 सितम्बर (आरएनएस)। एक प्यासा पानी टंकी दो साल से ग्रामीणों की उम्मीदों पर पानी फेरता आ रहा है। जल संकट से जूझते आ रहे ग्रामीण दूर दराज स्थित नदी, नालों और कुंओं से पानी लाकर अपनी प्यास बुझाने मजबूर हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और ग्राम पंचायत की उदासीनता तथा लापरवाही के चलते ग्रामीणों को जल जीवन मिशन नल जल योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। 88.42 लाख की यह योजना दो साल से अधर में लटकी हुई है। यह त्रासदी है बस्तर विकासखंड की ग्राम पंचायत कोलचुर की। कोलचुर के ग्रामीणों की पीने के पानी की समस्या और भी गहराती जा रही है। जानकारी के अनुसार, गांव में सन 2022 में जल जीवन मिशन का काम शुरू हुआ था। पानी टंकी का निर्माण पूरा हो चुका है, लेकिन आज तक उससे पानी की सप्लाई शुरू नहीं हो पाई है। जबकि इस योजना पर 88.42 लाख रुपए पानी में बहाए जा चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि योजना के तहत गांव के अधिकांश घरों में पानी का कनेक्शन मिलना था, लेकिन अब तक कई घरों में नल स्टैंड भी नहीं बन पाए हैं। जहां पाइप लाइन बिछाई भी गई है, वहां पानी की आपूर्ति शुरू न होने से पूरा काम अधूरा पड़ा है। लोगों ने बताया कि इस अधूरी योजना की वजह से उन्हें रोज़ाना कई किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ रहा है। महिलाएं और बच्चे सुबह-शाम घंटों पानी भरने में बर्बाद कर रहे हैं। दूसरी ओर, टंकी खड़ी तो है लेकिन उससे गांव को कोई लाभ नहीं मिल रहा। ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत के सचिव और सरपंच इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। टंकी निर्माण पूरा होने के बावजूद गांव के लोग पानी के लिए तरस रहे हैं। इससे लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है और वे जल्द ही प्रशासन से लिखित शिकायत करने की तैयारी में हैं। यह मामला न केवल लापरवाही को उजागर करता है बल्कि सरकारी योजनाओं की असलियत भी दिखाता है कि कागजों में काम पूरा दिखा दिया गया, पर ग्रामीणों तक उसका लाभ अब तक नहीं पहुंचा है।

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