(जबलपुर)ग्रीन कॉरिडोर से एयरपोर्ट पहुंचा दिल और लिवर-दो लोगों को नई जिंदगी देने जा रहा

  • 08-Aug-25 12:00 AM

जबलपुर 8 अगस्त (आरएनएस)। 31 साल के ब्रेन डेड मरीज आज दो लोगों को नई जिंदगी देने जा रहा है। इसके लिए आज एक बार फिर नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल से डुमना एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया।गुरुवार सुबह शुरू हुई प्रक्रिया दोपहर तक जारी रही। 4 डाक्टरों की टीम ने दो घंटे के ऑपरेशन के बाद मरीज के अंगों को सुरक्षित निकाला और उसके बाद फिर ग्रीन कॉरिडोर बनाकर देश के दो अलग-अलग शहरों में भेजा गया।मरीज का हार्ट गुजरात के अहमदाबाद और लिवर भोपाल फ्लाइट से भेजा गया। जबकि एक किडनी जबलपुर में ही जरूरतमंद मरीजों को ट्रांसप्लांट की जाएगी। वहीं दूसरी किडनी सुरक्षित रखी गई है।सिवनी निवासी सत्येंद्र यादव का ब्रेन डेड हो गया है। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने मरीज के परिजनों से अंग दान के बारे में बात की तो वो तैयार हो गए। जिसके बाद डॉक्टर की टीम ने अंगदान की प्रक्रिया पूरी की। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. नवनीत सक्सेना ने बताया कि अंगदान करने वाले मरीज सत्येंद्र का हार्ट, लिवर और किडनी दान किए गए हैं।मरीज का दिल गुजरात के अहमदाबाद में एक जरूरतमंद मरीज के लिए भेजा गया है। जहां उसकी जान बचाई जा सकेगी। वहीं लिवर भोपाल गया है। सत्येंद्र की एक किडनी जबलपुर में ही किसी जरूरतमंद मरीज को ट्रांसप्लांट की जाएगी, जबकि दूसरी किडनी को भी सुरक्षित रखा गया है।ग्रीन कॉरिडोर को लेकर पुलिस-प्रशासन ने तैयारी पहले से कर रखी थी। सुबह करीब 11 बजे ग्रीन कॉरिडोर बनना था, लेकिन अहमदाबाद से फ्लाइट लेट होने के कारण शाम चार बजे हार्ट गुजरात भेजा गया। वहीं 4 बजकर 20 मिनट पर लीवर भोपाल रवाना हुआ।ट्रैफिक पुलिस और प्रशासन के सहयोग से शाम को मेडिकल अस्पताल से लेकर डुमना एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। इस कॉरिडोर के जरिए एम्बुलेंस को बिना किसी रुकावट के एयरपोर्ट तक पहुंचाया गया, ताकि अंगों को तुरंत फ्लाइट से भेजा जा सके। अंगदान के प्रति जबलपुर में जागरूकता बढ़ी है।लिवर लेने के लिए भोपाल से डॉक्टरों की टीम सुबह 10:30 बजे मेडिकल सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल जबलपुर पहुंच गई थी, पर गुजरात से जबलपुर की फ्लाइट लेट होने के कारण पूरी प्रक्रिया में विलंब हुआ। एम्बुलेंस के माध्यम से दोनों ऑर्गन को डुमना एयरपोर्ट के लिए रवाना किया, जो कि करीब 30 मिनट में एयरपोर्ट पहुंचा। यहां से दो अलग-अलग फ्लाइट से लिवर और हार्ट भोपाल और अहमदाबाद भेजा गया। शहर के ट्रैफिक को देखते हुए एम्बुलेंस मेडिकल कॉलेज से बरगी हिल्स, नयागांव, रामपुर, सीएमएस होते हुए सिविल लाइन से डुमना एयरपोर्ट पहुंची।सत्येंद्र के भाई विजय यादव ने बताया कि वह जबलपुर में किराए का कमरा लेकर पत्नी के साथ रहता था। 31 वर्षीय सत्येंद्र यादव सिवनी जिले के गोरखपुर बिछुआ गांव के रहने वाले थे। परिवार में माता, पिता, बड़ा भाई और पत्नी है। अप्रैल 2025 में सत्येंद्र का विवाह हुआ था।यहां पर वह गैस कंपनी में डिलीवरी का काम करता था। 4 अगस्त की रात को काम खत्म करने के बाद, जब वह गढ़ा थाना अंतर्गत सूपाताल के पास पहुंचा, तभी रास्ते में उसका एक्सीडेंट हो गया। विजय का कहना है कि परिवार वालों ने मिलकर यह फैसला लिया है कि अगर सत्येंद्र के हार्ट और लिवर से किसी की जान बच सकती है, तो इससे अच्छा क्या होगा?। इसलिए डॉक्टरों की सलाह पर हमने अंग दान करने का निर्णय लिया है।नेता जी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. नवनीत सक्सेना ने बताया कि इस साल तीसरी बार ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है। उन्होंने बताया कि 4 अगस्त को सत्येंद्र को भर्ती किया गया था। हालत बहुत गंभीर थी, इसके बाद भी डॉक्टर और नर्स की टीम लगातार उसे बचाने के प्रयास में जुटी रही, लेकिन आखिरकार बुधवार की रात को उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया। परिवार वालों से हमने अंगदान की बात की तो वो तैयार हो गए, इसके बाद पता किया तो मध्यप्रदेश में हार्ट की जरूरत नहीं थी, जिसके लिए अहमदाबाद ने संपर्क किया, जबकि लिवर की भोपाल से डिमांड आई।जबलपुर में हुए ऑर्गन डोनेशन के बाद लिवर भोपाल शाम 6 बजे पहुंचा। एयरपोर्ट से एंबुलेंस से सिद्धांत अस्पताल रवाना कर दिया गया है। सिद्धांत अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, लिवर ट्रांसप्लांट के लिए जरूरी सभी व्यवस्थाएं हो चुकी हैं। जैसे ही लिवर आएगा ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।लिवर को एयरपोर्ट से सिद्धांत अस्पताल तक पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है। इसके लिए पूरे रास्ते पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।




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