(जबलपुर)पुस्तक मेला गवाह हैज्कि शिक्षा माफिया से मुक्त है जबलपुर : कौशल किशोर चतुर्वेदी
- 31-Mar-25 12:00 AM
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जबलपुर 31 मार्च (आरएनएस)। संस्कारधानी जबलपुर में 25 मार्च से 5 अप्रैल तक पुस्तक मेला लगा है। पुस्तक मेला में माता-पिता अपने बच्चों संग पुस्तकें खरीदने भारी संख्या में पहुंच रहे हैं। हाथ में पुस्तक-स्टेशनरी का बैग लिए माता-पिता के चेहरों पर खुशी तैरती नजर आ रही है। दरअसल बात भी यही है कि यह पुस्तक मेला जबलपुर के शिक्षा माफिया से मुक्ति की गवाही दे रहा है। यह मुक्ति जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना और उनकी टीम के अथक प्रयासों की सफलता से मिल पाई है। यह प्रयास सीएम डॉ. मोहन यादव के उस ट्वीट की परिणति थे, जिसमें निजी स्कूलों द्वारा तय पुस्तक विक्रेता से पुस्तकें खरीदने को मजबूर किया जा रहा था। सीएम ने इनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की इच्छा जताई थी और कलेक्टर दीपक सक्सेना ने सीएम की मंशा पर जो कार्यवाही की, वह पूरे प्रदेश और देश के लिए मिसाल बन गई। इसके साथ ही निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लग गया। और पिछले साल तक जो निजी स्कूल बच्चों को महंगी, फर्जी आईएसबीएन वाली किताबों का बोझ लादने को मजबूर करते थे, अब वे सस्ती और गुणवत्तायुक्त एनसीईआरटी की किताबें बच्चों को पढ़ाने की राह पर हैं। और इस पुस्तक मेला में जहां कॉपियों पर 50 प्रतिशत की छूट मिल रही है तो एनसीईआरटी की किताबें पर्याप्त संख्या में उपलब्ध हैं। और यह विशेष व्यवस्था भी यहां पर है कि जो माता-पिता एनसीईआरटी की किताबें खरीदने में असमर्थ हैं, उन्हें पुरानी किताबों का सेट सस्ते दाम में मुहैया कराया जा रहा है। और जाते-जाते अभिभावक जिला प्रशासन की इस मुहिम की सराहना कर आनंद का अनुभव कर रहे हैं। किताबों के दामों में पिछले साल की तुलना में हजारों रुपए का अंतर इस बात का गवाह है कि निजी स्कूल और पुस्तक व गणवेश विक्रेताओं के नेक्सस ने किस कदर बच्चों के माता-पिता की कमर तोड़ रखी थी।
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