(जबलपुर)फर्जीवाड़ा कर बैंक को लगाई 6 करोड़ 90 लाख की चपत

  • 14-Dec-23 12:00 AM

(ईओडब्ल्यू में तत्कालीन बैंक मैनेजर सहित अन्य के खिलाफ दर्ज किया)जबलपुर 14 दिसंबर (आरएनएस)। म.प्र.- विजय नगर स्थित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के तत्कालीन मैनेजर ने दो अन्य लोगों के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा करते हुए विभिन्न योजनाओं के नाम पर लोन निकालकर बैंक को 6 करोड़ 90 लाख की चपत लगाई। इस मामले की शिकायत मिलने पर ईओडब्ल्यू ने तत्कालीन बैंक मैनेजर कमल मिश्रा के अलावा ट्रेडिंंग कंपनी संचालिका रेखा नायक व सुरेश मतानी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम एवं धोखाधड़ी की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया है। इस संंबंध में ईओडब्ल्यू एसपी आरडी भारद्वाज ने बताया कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया नेपियर टाउन के उप क्षेत्रीय प्रमुख अमित श्रीवास्तव ने 1 अगस्त को ईओडब्ल्यू से बैंक के साथ करोड़ों की धोखाधड़ी किए जाने की शिकायत की थी। शिकायत की प्रारंभिक जाँच में पता चला कि तत्कालीन बैंक मैनेजर कमल मिश्रा ने दलाल सुरेश मतानी और रेखा नायक के साथ मिलीभगत कर बैंक को 6 करोड़ 90 लाख की चपत लगाई है। ईओडब्ल्यू द्वारा मामला दर्ज कर उन लोगों को नोटिस जारी कर तलब किया गया है जिनके नाम के दस्तावेजों का दुरुपयोग कर विभिन्न योजनाओं के नाम पर लोन निकाला गया है। जिस आटा मिल को खोलने के नाम लोन लिया वह मौके पर मिली ही नहीं जाँच में इस बात का खुलासा हुआ कि तत्कालीन प्रबंधक द्वारा पीएमईजीपी योजना के तहत आटा मिल खोलने के नाम पर रेखा नायक का 10 लाख 45 हजार रुपए का लोन और 13 लाख 30 हजार रुपए का कैश क्रेडिट स्वीकृत किया गया था। रेखा ट्रेडिंग कंपनी की प्रोपराइटर सराफा खटीक मोहल्ला निवासी रेखा नायक द्वारा मंडला के ग्राम डोभी में आटा मिल खोलने के नाम पर लोन स्वीकृत कराया गया था। ईओडब्ल्यू की टीम जब वहाँ पहुँची, तो वहाँ कोई मिल ही नहीं थी। जाँच में खुलासा हुआ कि जिस स्थान पर मिल खोलने के लिए लोन स्वीकृत किया गया था वह यूनियन बैंक की विजय नगर शाखा के अधिकार क्षेत्र से भी बाहर था। दूसरे लोगों के दस्तावेजों का किया दुरुपयोग जाँच में इस बात का खुलासा हुआ कि तत्कालीन बैंक प्रबंधक, दलाल सुरेश मतानी व रेखा नायक नेे मिलीभगत करके लोन दिलाने के नाम पर कई लोगों के दस्तावेज व आधार कार्ड लिए और फिर उन्हीं दस्तावेजों का दुरुपयोग कर पीएमईजीपी योजना के तहत 25-25 लाख का लोन एवं 10 लाख का मुद्दा लोन बैंक से स्वीकृत कराते हुए बैंक को करोड़ों की चपत लगाई।




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