(जौनपुर)चौथे दिन मां कूष्मांडा का पूजन दर्शन
- 25-Sep-25 12:00 AM
- 0
- 0
जौनपुर 25 सितंबर (आरएनएस )। नवरात्र के चौथे दिन मां कूष्मांडा का श्रद्धालुओं ने देवी मन्दिरोकं में पूजन दर्शन किया। हिंदू धर्म में मां दुर्गा की गिनती प्रमुख देवियों में सबसे ऊपर है। उन्हें शक्ति और फेमिनिन एनर्जी का प्रतीक माना जाता है। उनके होने से यूनिवर्स की सारी व्यवस्था ठीक रहती है और समय-समय पर बुराइयों का अंत भी होता है। मां दुर्गा के नौ स्वरूप हैं। नवरात्रि में उनके इन्हीं नौ स्वरूपों की पूजा होती है। बीते सोमवार से ही शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हुई है। गुरूवार को नवरात्रि का चौथा दिन है। इस दिन मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है। मां कूष्मांडा की पूजा करने के लिए साधक को सूर्योदय से पहले उठकर स्नान-ध्यान करना चाहिए. इसके बाद देवी कूष्मांडा की विधि-विधान से पूजा और व्रत करने का संकल्प लेना चाहिए. इसके बाद अपने पूजा घर में या फिर घर के ईशान कोड़ में एक चौकी पर पीले रंग का आसन बिछाकर उस पर माता की तस्वीर या मूर्ति रखें. इसके बाद उस मूर्ति या चित्र पर गंगाजल या पवित्र जल छिड़कें. इसके बाद देवी कूष्मांडा की फल-फूल, रोली-चंदन, अक्षत, धूप-दीप, वस्त्र-मिठाई आदि अर्पित करते हुए विधि-विधान से पूजा करें. पूजा में माता को पीले रंग की मिठाई का ही भोग लगाएं और उसके बाद दुर्गा सप्तशती या फिर दुर्गा चालीसा का पाठ करें. पूजा के अंत में मां कूष्मांडा की आरती का पाठ करें और पूजा में भूल-चूक की माफी मांगते हुए अपने लिए मंगलकामना करें. हिंदू मान्यता के अनुसार नवरात्रि के चौथे दिन देवी कूष्मांडा की पूजा में माता की प्रिय चीजें चढ़ाने से वो शीघ्र ही प्रसन्न होकर अपने साधक पर कृपा बरसाती हैं. मान्यता है कि देवी कूष्मांडा को पीला रंग अत्यंत ही प्रिय है. ऐसे में नवरात्रि के चौथे दिन देवी पूजा में पीले रंग के वस्त्र, पीला सिंदूर, पीली चूडिय़ां, पीली बिंदी, पीले फल, पीली मिठाई आदि चीजें चढ़ानी चाहिए.।
Related Articles
Comments
- No Comments...