(जौनपुर)रसोईघर के अपशिष्ट से बन सकेगी ऊर्जा: ओपी. सिन्हा
- 13-Oct-25 12:00 AM
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जौनपुर 13 अक्टूबर (आरएनएस)। पूर्वांचल विश्वविद्यालय, के सेंटर फॉर रिन्यूएबल एनर्जी एवं प्रो. राजेन्द्र सिंह भौतिक विज्ञान अध्ययन एवं अनुसंधान संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में एडवांस्ड फंक्शनल मैटेरियल्स फॉर एनर्जी एप्लिकेशंस विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का सफल आयोजन किया गया। यह सेमिनार विश्वविद्यालय को प्राप्त भारत सरकार के डीएसटीदृपर्स प्रोजेक्ट के अंतर्गत आयोजित किया गया। प्रो. ओपी सिन्हा, निदेशक, एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ नैनोटेक्नोलॉजी, एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा ने अपशिष्ट पदार्थों से ऊर्जा के संचयन की संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि रसोईघर से उत्पन्न सब्जियों और अन्य जैविक अपशिष्टों से ऊर्जा संचयन हेतु उच्च दक्षता वाले सुपरकैपेसिटर उपकरण विकसित किए जा सकते हैं।अध्यक्षीय संबोधन में कुलपति प्रो. वंदना सिंह कहा कि भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उच्च दक्षता वाले फंक्शनल मटेरियल्स के विकास की आवश्यकता है। इन पदार्थों के माध्यम से देश में ऊर्जा उपकरणों के स्वदेशी निर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ेगा। प्रयागराज से प्रो. एस. एन. पांडेय ने सुपरकैपेसिटर और बैटरियों के लिए उपयोगी उन्नत पदार्थों के गुणधर्मों पर चर्चा की। वहीं डॉ. उपेन्द्र कुमार ने फ्यूल सेल निर्माण और हाइड्रोजन ऊर्जा के विकास में फंक्शनल पदार्थों की भूमिका पर विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया। आई.आई.टी. इंदौर से प्रो. मृगेन्द्र दुबे सॉफ्ट पदार्थों के ऊर्जा क्षेत्र में अनुप्रयोगों पर विस्तार से चर्चा की।विभिन्न तकनीकी सत्रों में आमंत्रित विशेषज्ञों ने अपने शोध अनुभव साझा किए। रज्जू भैया संस्थान के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार यादव ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में फंक्शनल एवं नैनोस्ट्रक्चर्ड पदार्थों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। सौर ऊर्जा, हाइड्रोजन ईंधन, उच्च क्षमता वाली बैटरियों और ऊर्जा भंडारण तकनीकों के विकास में ये पदार्थ नवाचार का आधार बन रहे हैं। प्रो. गिरधर मिश्रा, डॉ. श्याम कन्हैया, डॉ. प्रमोद कुमार डॉ. पुनीत धवन, डॉ. अजीत सिंह, डॉ. मिथिलेश यादव, डॉ. शशिकांत, डॉ. आलोक कुमार, डॉ. रमांशु सिंह, डॉ. दिनेश वर्मा, तथा संस्थान से आदि उपस्थित रहे।
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