(जौनपुर)शिक्षा की सार्थकता गुरु-शिष्य संवाद से ही संभव:राज्यपाल
- 06-Oct-25 12:00 AM
- 0
- 0
दीक्षांत समारोह में मिले 80 स्वर्ण पदकजौनपुर 6 अक्टूबर (आरएनएस )। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय का 29 वें दीक्षांत समारोह सोमवार कोमहंत अवेद्यनाथ संगोष्ठी भवन में संपन्न हुआ। कुलाधिपति एवं श्रीराज्यपाल उत्तर प्रदेश श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले स्नातकएवं स्नातकोत्तर के79 मेधावियों को 80 स्वर्णपदक प्रदान किया। साथ ही 445 शोधार्थियों को पी.एचडी.और दो को डीलिट की उपाधि दीगई । इस वर्ष विभिन्न पाठ्यक्रमों में स्नातक औरपरास्नातक के 80141 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई।कुलाधिपति ने दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि सुनीलदत्त को डी.एससी. की मानद उपाधि दी । राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि शिक्षा तभी सार्थक होती है जबविद्यार्थी गुरु के पास बैठकर कक्षा में संवाद करें। इसी को ध्यान में रखते हुए 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य की गई है और इसका कड़ाई से पालन विश्वविद्यालयोंको करना होगा। राज्यपाल ने शिक्षकों से आह्वान करते हुए कहा कि वे विद्यार्थियोंकी शिक्षा के साथ-साथ चरित्र निर्माण भी करें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयोंमें रिसर्च गंभीरता के साथ होना चाहिए क्योंकि रिसर्च ही देश और समाज के लिएउपयोगी होता है। इसके लिए शिक्षक और विद्यार्थी दोनों में जज्बा होना जरूरी है।गुजरात में इसरो का उदाहरण देते हुए राज्यपाल ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से जानजा रही है, जिसमें खास तौर से आकाशीय बिजली का खतरा ज्यादारहा। इस बार इससे 85 लोगों की जान चली गई। इस पर गंभीरता केसाथ शोधकिया जा रहा है कि कैसे मानव और जीव की सुरक्षा की जा सकती है। मुख्य अतिथि रिलायंस जियो इन्फोकॉमलिमिटेड के डिवाइसेज एंड सेल्स प्रेसीडेंट सुनीलदत्त ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि वह स्वयं को इस गौरवपूर्ण अवसरपर उपस्थित पाकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय की कुलपति एवंकुलाधिपति को मंच पर आमंत्रण के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि दीक्षांत केवलअंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है।श्री दत्त ने भविष्य के लिए सात सिद्धांत साझा किएकृबड़ा सोचो,छोटा शुरू करो, तेजी से बढ़ो, निरंतर सीखो, असफलता से डरना छोड़ो, उपयोगकर्ता मत बनो, निर्माता बनों और तकनीक के साथमानवीय बने रहो। असफलता से मत डरो, हर असफलता ने हमें सफलताके करीब पहुंचाया है। उनका मानना है कि पद से अधिक उद्देश्य महत्वपूर्ण है क्योंकिआपकी भूमिका नहीं आपका प्रभाव मायने रखता है। उन्होंने कहा कि अब भारत अनुसरण नहींकरता, बल्कि नेतृत्व करता है। उन्होंने विद्यार्थियों सेआह्वान किया कि वे साहस, रचनात्मकता और उद्देश्यपूर्ण जीवनसे समाज और देश का गौरव बढ़ाएँ। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि जौनपुर की धरती नेसदैव प्रतिभाशाली व्यक्तित्वों को जन्म दिया है। उन्होंने रोबोट के निर्माता दिनेशपटेल, डीएनए वैज्ञानिक डॉ. लालजी सिंह तथा पंडितरामभद्राचार्य जैसी महान विभूतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि ज्ञान और शिक्षा केक्षेत्र में जौनपुर का अपना विशिष्ट स्थान है।प्रदेश की उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती रजनी तिवारी ने कहा किशैक्षणिक उपाधियां उनकी मेहनत और लगन का प्रतिफल हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहाकि इन उपाधियों का उपयोग सही दिशा में राष्ट्र निर्माण के लिए किया जाना चाहिए।श्रीमती तिवारी ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा, ष्आगेके जीवन में आपको सफलता और असफलता दोनों का सामना करना पड़ेगा। इन्हीं चुनौतियोंके बीच से आपको सफलता का रास्ता खोजना और बनाना होगा। कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय नेशैक्षणिक, शोध और नवाचार के क्षेत्रों में उल्लेखनीयउपलब्धियां हासिल की हैं। इस वर्ष समयबद्ध परीक्षा परिणाम घोषित किए गए,303 शोधपत्र और 15 पेटेंट प्रकाशित हुए तथास्कोपस पर 15695 साइटेशन और एच- इनडेक्स 56 प्राप्त हुआ। एनआईआरएफ रैंकिंग 2024 में उत्तरप्रदेश में दूसरा और भारत में 125वां स्थान मिला।डीएसटी-पर्स और समावेशी उच्च शिक्षा कार्यक्रम के तहत बड़े अनुदान प्राप्त हुए हैंृ,22 शोध परियोजनाएं संचालित हैं और 9500 शोधग्रंथोंके साथ प्रदेश में चौथा स्थान मिला।
Related Articles
Comments
- No Comments...