(जौनपुर)शूपर्णखा की नीति की बातें सुनकर रावण चिंता मग्न

  • 30-Oct-23 12:00 AM

जौनपुर 30 अक्टूबर (आरएनएस )। सुइथाकला विकासखण्ड स्थित नवयुवक रामलीला समिति ईशापुर (डिहवा) द्वारा आयोजित रामलीला में शूपर्णखा-रावण सम्वाद से श्री राम-सुग्रीव मित्रता तक की भावमयी लीला का मंचन किया गया। शूपर्णखा-रावण सम्वाद,रावण-मारीच सम्वाद,मारीच का माया मृग बनना,सीता हरण,राम विलाप सीता की खोज तथा राम सुग्रीव मित्रता,बालि-वध आदि की लीला देखकर लोग भावविभोर हो गए।खर दूषण समेत राक्षसों के वध का समाचार लेकर शूर्पणखा दशकंधर के दरबार में पहुंची और क्रोध से युक्त वाणी में रावण से नीति की बातें करती हुई बोली हे दशानन!मदिरा पान करके दिन-रात पड़ा सोता रहता है। तुझे खबर नहीं है कि शत्रु तेरे सिर पर खड़ा है ? नीति के बिना राज्य और धर्म के बिना धन प्राप्त करने से, भगवान को समर्पण किए बिना उत्तम कर्म करने से और विवेक उत्पन्न किए बिना विद्या पढऩे से परिणाम में श्रम ही हाथ लगता है। विषयों के संग से संन्यासी, बुरी सलाह से राजा, मान से ज्ञान, मदिरा पान से लज्जा नष्ट हो हो जाती है।अन्त में शूर्पणखा रावण को नीति का उपदेश देती हुई कहती है कि दशानन! शत्रु, रोग, अग्नि, पाप, स्वामी और सर्प को छोटा करके नहीं समझना चाहिए। ऐसा कहकर शूर्पणखा अनेक प्रकार से विलाप करके रोने लगी।शूपर्णखा की नीति की बातें सुनकर रावण चिंता मग्न होकर विचार करने लगा खर दूषण हमारे समान ही बलशाली थे,परमात्मा के बिना उन्हें कोई दूसरा नहीं मार सकता था अपने विवेक से अपनी सुगति के लिए वह मारीच के पास जाता है। राम लीला आयोजन में सक्रियता से सहयोग करने वालों में नवयुवक रामलीला समिति ईशापुर केअध्यक्ष रामेश्वर साहु,उपाध्यक्ष राम धनी मौर्या,प्रबन्धक रामजी चैरसिया,सचिव राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय,कोषाध्यक्ष राम धारी चैरसिया,उपसचिव शिवाजी चैरसिया,अनन्तराम प्रजापति,राम लखन गुप्ता,संजय पाण्डेय,महेंद्र पाण्डेय रमाकान्त पाण्डेय,दीपक पाण्डेय उपेन्द्र चैरसिया, पिंकू पान्डेयशिप्रकाश गुप्ता,छोटेलाल गुप्ता, रामरूप बिन्द,उमेश दुबे, समर बहादुर प्रजापति,शैलेन्द्र गुप्ता,सुनील विश्वकर्मा,राम चन्द्र मौर्य आदि मौजूद रहे।




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