(टीकमगढ़)विधानसभा 44 : उठी आवाज कि अब नहीं चलेगा बाहरी उम्मीदवार, काँग्रेसी कमलनाथ से भी मिले

  • 03-Oct-23 12:00 AM

टीकमगढ़ 3 अक्टूबर (आरएनएस)। कांग्रेस में दावेदारों के तीखे हुए तेवर, नहीं सुनी, तो कह सकते हैं पार्टी को अलविदाबाहरी उम्मीदवार को लेकर खफा जतारा वासी और कार्यकर्ता, कहा अपने बीच का चाहिए उम्मीदवारबाहरी उम्मीदवार के विरोध में लामबंद हुए सभी कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी, कमलनाथ से मिलेटीकमगढ़। ज्यौ-ज्यौ चुनावी तिथियां नजदीक आती जा रही हैं, राजनैतिक हल्कों में कयासों और अटकलों का दौर बढऩे लगा है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों की पार्टियों में अब तक उम्मीदवारी को लेकर टीकमगढ़ जिले में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। एक ओर कई असरदार लोगों के टिकिट कटने को लेकर कयास लगाए जाने लगे हैं, तो वहीं दोनों की पार्टियां जिताऊ उम्मीदवार की खोज में बने हुए हैं। ऐसे में कार्यकर्ता भी अपने-अपने चहेतों को उम्मीदवार बनाने के लिए तरह तरह के जतन करने में लगे हैं। हाल ही में दोनों की दलों के उम्मीदवारों ने अपने नेताओं को शक्ति परीक्षण कराते हुए समर्थकों को खड़ा किया। कांग्रेस के संभावित उम्मीदवारों ने यहां निकली आक्रोश यात्रा का लाभ उठाने में जहां कोई कसर नहीं छोड़ी, तो वहीं बीजेपी नेताओं ने आशीर्वाद यात्रा का जमकर लाभ उठाया और अपनी दावेदारी मजबूती से पेश करने में किसी प्रकार की कसर नहीं छोड़ी। ऐसे में सबसे रोमांचक सीट रही जतारा...। जहां पार्टी जिसे अपना उम्मीदवार बनाना चाह रही है, तो उसे पार्टी कार्यकर्ता और आम जनता पसंद नहीं कर रही है। कांग्रेस खेमें में आरक्षित सीट जतारा से यूं तो अनेक पदाधिकारी अपनी-अपनी दावेदारी पेश करने में लगे हैं, लेकिन इन सबसे पंकज अहिरवार की दावेदारी को मजबूत माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि इस बार क्षेत्रीय जनता बाहरी प्रत्याशी को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। जनता यहां से अपने बीच का ही उम्मीदवार चाह रही है। बीते दिनों यहां दौरे पर आए कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री की नजरबाग में हुई सभा के दौरान ही जतारा के कार्यकर्ताओं एवं आम जनता ने बाहरी उम्मीदवारी का जमकर विरोध करते हुए अपनी आवाज बुलंद की थी। यहां से अब तक अधिकांश बाहरी उम्मीदवार ही जनता को थोपे जाते रहे हैं। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित जतारा विधानसभा 44 वैसे भी अब तक कांग्रेस के लिए जीत पाना कठिन रहा है। कहा जा रहा है कि पिछले चुनाव में कांग्रेस समर्थक उम्मीदवार को भी पराजय का सामना करना पड़ा था। इस बार कांग्रेस किसी भी कीमत पर यह सीट खोना नहीं चाहेगी। कहा तो यहां तक जा रहा है कि पिछले पांच सालों से जनता के बीच रहकर लगातार उनके सुख दुख में खड़े रहे पंकज अहिरवार को विधानसभा का उम्मीदवार बनाए जाने के लिए आम जनता के साथ ही चुनावी समर में अपना भाग्य आजमाने को आतुर कई संभावित प्रत्याशी भी पंकज के समर्थन में लामबंद होकर उन्हें कांग्रेस का उम्मीदवार बनाए जाने पर जोर दे रहे हैं। इन नेताओं का कहना है कि बाहरी उम्मीदवार तो इस बार यहां के नेता और जनता किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करने वाली। जीत को लेकर अब तक संकटों से जूझने वाली कांग्रेस जतारा क्षेत्र की जनता और अपने कार्यकर्ताओं को नाराज तो नहीं करना चाहेगा। सूत्रों की मानें तो यदि कांग्रेस पार्टी जन भावनाओं का अनदेखा करती है, तो तय मानिये कि यहां से कोई न कोई बागी उम्मीदवार नजर भी आ सकता है। अब यह प्रत्याशी इन एक दर्जन संभावितों में से कौन होगा, यह कह पाना फिलहाल मुश्किल है। यहां जतारा क्षेत्र के लगभग एक दर्जन संभावितों ने राजधानी जाकर अपनी मंशा को स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से मुलाकात कर जतारा विधानसभा क्षेत्र से किसी ने किसी स्थानीय निष्ठावान सदस्य को ही उम्मीदवार बनाए जाने पर जोर दिया है। अन्यथा कि स्थिति में कांग्रेस की स्थिति को नाजुक भी बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि यदि बाहरी उम्मीदवार थोपा जाता है कि जीत की डगर आसान तो नहीं होगी।युवा और जुझारू नेता हैं पंकज अहिरवार-जतारा विधानसभा के सबसे मजबूत उम्मीदवारों में गिने जा रहे युवा और जुझारू नेता पंकज अहिरवार को स्थानीय जनता और कांग्रेस कार्यकर्ता अपना उम्मीदवार मानकर चल रहे हैं। उनकी उम्मीदवारी को लेकर यहां के एक दर्जन दावेदार पिछले दिनों कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से मिलने पहुंचे। उन्होंने कहा कि इस बार यहां से बाहरी उम्मीदवार को जनता बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। जतारा निवासी पंकज अहिरवार एक मजबूत उम्मीदवार मानें जा रहे हैं। एमए राजनीति शास्त्र से कर राजनीति में आने के बाद से ही पंकज लगातार सक्रिय बने रहे और पिछले चुनावों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वाहन किया। एक कृषक और मटेरियल सप्लायर होने के साथ ही वह समाजसेवा के क्षेत्र में भी अपनी विशेष पहचान रखते हैं। उनकी माता का नाम श्रीमती नन्नीबाई-स्वर्गीय छुट्टी अहिरवार है। 30 सितम्बर 1081 को जन्में पंकज अहिरवार के समर्थन में कांगे्रस के अधिकांश संभावित उम्मीदवार खुद को वापिस कर उनके समर्थन में खड़े नजर आने लगे हैं।कांग्रेस में अठारह साल से सक्रिय हैं पंकज अहिरवार-बताया गया है कि पकंज अहिरवार अब तक पार्टी में अनेक महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। वह यहां पूर्व में जिला अध्यक्ष अनुसूचित जाति विभाग कॉंग्रेस कमेटी टीकमगढ़, प्रदेश उपाध्यक्ष एवं सागर संभाग प्रभारी अनुसूचित जाति विभाग मप्र कॉंग्रेस, पूर्व एनएसयूआई जिला सचिव, पूर्व यूथ कांग्रेस जिला महासचिव रह चुके हैं। उनके यह कार्यकाल बेहतर रहे हैं। बताया गया है कि प्रदेश प्रभारी युवा प्रकोष्ठ मप्र कॉंग्रेस कमेटी, लोकसभा प्रभारी टीकमगढ़ 2019 में लोक सभा चुनाव में अनुसूचित जाति वर्ग का वोट प्रत्याशी के पक्ष में दिलाने में सफ ल रहा। बताया जा रहा है कि पंकज मध्यवर्ती चुनाव में पृथ्वीपुर विधानसभा प्रभारी 2020-21 रहे एवं मध्यवर्ती चुनाव में विधान सभा बड़ा मल्हरा प्रभारी 2020-21 रहे। इसी प्रकार मध्यवर्ती चुनाव विधान सभा सुरखी सागर प्रभारी, उप्र विधान सभा महरौनी ललितपुर प्रभारी भी रहे। विगत 18 वर्षों से सक्रिय व कार्यक्रमों में सहभागिता निरन्तर रही। वह दस वर्षो से जिला अध्यक्ष अहिरवार समाज संघ टीकमगढ़ एवं प्रभारी छतरपुर अहिरवार समाज एवं प्रदेश अध्यक्ष मिशन अंबेडकर परिषद् हैं।...कांग्रेस के दावेदार हुए लामबंद, बाहरी पर असहमतीपंकज अहिरवार ने बताया कि टीकमगढ़ जिले में उनके द्वारा सन् 2018 में कमलनाथ प्रदेश अध्यक्ष के आगमन पर उनके समक्ष 4100 इकतालीस सौ लोगों को सदस्यता ग्रहण करायी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश अध्यक्ष मप्र कांग्रेस कमेटी भोपाल से मुलाकात कर यहां के जतारा क्षेत्र से दावेदारी जता रहे अनेक नेताओं ने बाहरी व्यक्ति को उम्मीदवार न बनाए जाने की मांग की। कहा गया है कि विधानसभा क्षेत्र 44 से जनता के बीच से ही चेहरा देने की जरूरत है। जतारा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। यहां से पंकज अहिरवार को उम्मीदवार बनाया जाए। बाहरी एवं दूसरे दलों से आये प्रत्याशियों को ही अब तक यहां से टिकट दिये जा रहे है। जिससे पार्टी के कार्यकर्ताओं की निरन्तर उपेक्षा होती आ रही है। जिस कारण विधानसभा क्षेत्र में भारी आक्रोश व्याप्त है। जिससे निरन्तर विधानसभा हारते है और पार्टी की छवि धूमिल होती है। हम सभी प्रत्याशियों ने एकमत होकर यह फैसला किया है कि जिले के हम सभी प्रत्याशियों में से किसी भी एक को आप टिकट देते है, तो हम सभी प्रत्याशीगण उसे जिताने में तन, मन, धन से सहयोग करेंगे। यदि हम सभी प्रत्याशियों में से टिकट नहीं दिया जाता है, तो हम सभी हजारों कार्यकताओं के साथ पार्टी छोडऩे के लिए बाध्य होंगे। जिसके जिम्मेदार पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी होंगे। प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात करने वालों में अधिकृत प्रत्याशियों के नाम पंकज अहिरवार के अलावा आरआर बंसल सेवानिवृत्त डीएसपी एवं पूर्व प्रदेश सचिव, संतोष प्रजापति पूर्व ब्लाक अध्यक्ष लिधौरा, दुलीचंद्र अहिरवार पूर्व ब्लाक अध्यक्ष जतारा जिला टीकमगढ़, तुलसीदास प्रजापति पूर्व सरपंच कपासी , नीरज देशमुख जिलाध्यक्ष अनुसूचित जाति विभाग, सीता शरण सूर्यवंशी, जगन्नाथ अहिरवार, योगेन्द्र, राकेश कुमार अहिरवार के नाम शामिल हैं। कांग्रेस में उफनाते राजनैतिक ज्वारभाटा को शांत करने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।




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