(डिंडौरी) परिसीमन ने डिंडौरी में बदला चुनावी समीकरण 2006 से बैगा बहुल हो गई दो सीटें

  • 11-Oct-23 12:00 AM

डिंडौरी,11 अक्टूबर (आरएनएस)। वर्ष 2006 में कराए गए परिसीमन ने डिंडौरी जिले की दो सीटों को बैगा आदिवासी बाहुल बना दिया है। इससे यहां के चुनावी समीरण बदल गए हैं। पहले जिले के तीन विधानसभा क्षेत्रों में बंटे हुए बैगा मतदाता बड़ी संख्या में नए परिसीमन के बाद डिंडौरी जिले की दो विधानसभा सीटों के मतदाता बन गए हैं। परिसीमन के बाद से अब तक हुए तीन विधानसभा चुनावों में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है। बैगा मतदाताओं को साधना भाजपा के लिए लंबे समय से चुनौती है। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा, सहरिया व भारिया समाज की महिलाओं को एक हजार रुपये प्रतिमाह पोषण आहार अनुदान के रूप में देना आरंभ किया गया था। यद्यपि यह पहल पिछले विधानसभा चुनाव में भी कारगर साबित नहीं हुई। आसन्न विधानसभा चुनाव के पहले मुख्यमंत्री ने इसी अनुदान राशि को एक हजार रुपये से बढ़ाकर 15 सौ रुपये प्रतिमाह कर पुन: बैगा मतदाताओं को साधने का प्रयास किया है। डिंडौरी विधानसभा के बैगाचक क्षेत्र में कांग्रेस को लगभग 90 प्रतिशत वोट शेयर मिलता रहा है। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां के 570 मतदाताओं में कुल 531 ने मतदान किया, जिसमें 480 मत कांग्रेस प्रत्याशी को मिले थै। यही हाल खपरीपानी, मानगढ़, जाडासुरंग, सिमरधा, किकरिया, पिपरखुटा सहित अन्य गांव का भी सामने आया था। इन्हीं आंकड़ों को देखते हुए भाजपा ने इस बार विशेष रणनीति अपना रखी है। पार्टी नेता घर-घर पहुंच कर अपनी नीतियां बता रहे हैं। अनिल पुरोहित




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