(डोंगरगढ़) नवोदय विद्यालय डोंगरगढ़ में दिव्यांग छात्र से अमानवीय व्यवहार, सीनियर छात्रों पर प्रताडऩा और धमकियों के आरोप

  • 20-Sep-25 09:24 AM

डोंगरगढ़, 20 सितबंर (आरएनएस)। देशभर में अनुशासन और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रसिद्ध नवोदय विद्यालय एक शर्मनाक घटना के चलते सुर्खियों में है। डोंगरगढ़ स्थित विद्यालय में कक्षा छठवीं के एक दिव्यांग छात्र के साथ लगातार मानसिक और शारीरिक प्रताडऩा किए जाने का मामला सामने आया है। पीडि़त छात्र के पिता ने इस संबंध में एसडीएम और तहसीलदार को लिखित शिकायत सौंपकर न्याय की मांग की है। शिकायत मिलने के बाद प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
छात्र के पिता का आरोप है कि विद्यालय के सीनियर छात्रों ने उनके बेटे को इस हद तक प्रताडि़त किया कि वह आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर हो गया। आरोप है कि कुछ छात्रों ने उसके गले में रस्सी डाल दी और पंखे से लटकने को कहा। इतना ही नहीं, उसे धमकाया गया कि अगर उसने ऐसा नहीं किया तो उसे गला घोंटकर मार दिया जाएगा। सौभाग्य से वहां मौजूद केयरटेकर समय रहते पहुंच गया और बच्चे की जान बच गई।
शिकायत में बताया गया है कि छात्र को कई दिनों से तरह-तरह से प्रताडि़त किया जा रहा था। उसकी किताबें और कॉपियां गायब कर दी जाती थीं, बिस्तर को गंदा कर दिया जाता था, और उसके खाने के बर्तन तक फेंक दिए जाते थे। यहां तक कि चप्पल भी बाहर फेंक दी जाती थी। पीडि़त छात्र को धमकी दी गई थी कि यदि उसने यह सब किसी शिक्षक या परिजन को बताया तो उसे 50 हजार रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा।
छात्र की स्थिति को लेकर पिता ने बताया कि वह पहले से ही एक गंभीर बीमारी से गुजर चुका है। इलाज के दौरान उसकी एक आंख निकालनी पड़ी, जिसमें नकली आंख लगी है, जबकि दूसरी आंख से भी उसे पूरी तरह दिखाई नहीं देता। इसके बावजूद छात्र ने हाल ही में ब्लॉक स्तरीय परीक्षा में टॉप किया और 80 छात्रों की प्रतियोगिता में चौथा स्थान हासिल कर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया।
मामले पर एसडीएम एम. भार्गव ने बताया कि पालक की शिकायत प्राप्त होने के बाद विद्यालय प्राचार्य को तलब किया गया है। उन्होंने कहा कि छात्र के साथ हुई घटना गंभीर है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस मामले ने न केवल शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि नवोदय विद्यालय जैसी प्रतिष्ठित संस्था की छवि को भी ठेस पहुंचाई है।
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