(दतिया)इलेक्ट्रोनिक मीडिया पर प्रसारण से पूर्व राजनैतिक विज्ञापनों का कराना होगा प्रमाणीकरण

  • 25-Oct-23 12:00 AM

दतिया 25 अक्टूबर (आरएनएस)। विधानसभा आम निर्वाचन 2023 के दौरान पेड न्यूज पर निगरानी रखने एवं विज्ञापनों के प्रमाणीकरण के लिए कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी संदीप माकिन की अध्यक्षता में जिला स्तरीय मीडिया सार्टीफिकेशन एण्ड़ मॉनीटरिंग कमेटी (एमसीएमसी) गठित की गई है। यह कमेटी न्यू कलेक्ट्रेट दतिया में मीडिया सेंटर पर इलेक्ट्रोनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया एवं सोशल मीडिया पर जारी की जाने वाली खबरों, विज्ञापनों पर लगातार मॉनीटरिेंग कर रही है। यह कार्य समिति के अलग-अलग दल के सदस्यों द्वारा किया जा रहा है।किसी भी राजनैतिक विज्ञापन को इलेक्ट्रोनिक मीडिया पर प्रसारित करने से पूर्व उम्मीदवार को जिला एमसीएमसी कमेटी से सर्टीफिकेशन कराना आवश्यक होगा। बेवसाईट व सोशल मीडिया के प्लेटफार्म का विज्ञापनों का प्रमाणीकरण भी कराना होगा। सार्वजनिक स्थलों पर लगाये गए डिजीटल एवं इलेक्ट्रोनिक बोर्ड कोई भी वीडियो या विज्ञापन प्रसारित करने से पूर्व एमसीएमसी समिति से प्रमाणीकरण कराना होगा। राजनैतिक दल अभ्यर्थी के स्वयं के ब्लाग स्वयं के अकांउट पर पोस्ट या अपलोड किये जाने वाले वीडियो, फोटो, संदेश कमेंट पर पूर्व प्रमाणीकरण करना आवश्यक नहीें है।उम्मीदवारों द्वारा प्रिंट मीडिया में मतदान वाले दिन या मतदान से एक दिन पूर्व प्रकाशित होने वाले राजनैतिक विज्ञापनों का प्रमाणीकरण कराना आवश्यक है। प्रिंट मीडिया में विज्ञापन का प्रकाशन अभ्यर्थी की सहमति से होना आवश्यक है। यदि अभ्यर्थी की सहमति के बिना कोई विज्ञापन प्रिंट मीडिया में प्रकाशित होता है तो प्रकाशक के विरूद्ध भारतीय दण्ड़ संहिता की धारा 171 एच के तहत् दण्ड़ात्मक कार्यवाही की जायेगी। इसके तहत् जुर्माने के साथ 500 रूपये तक का जुर्माना भी हो सकता है। फ्लेक्स होर्डिग, वॉलपेपर और पंपप्लेट का सार्टीफिकेशन नहीं कराया जाना है परंतु इन पर आदर्श आचरण संहिता व लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127 ए तथा निर्वाचन व्यय संबंधी प्रावधान लागू होंगे। ऐसे विज्ञापनों का सार्टीफिकेशन नहीं हो सकेगा।एमसीएमसी समिति द्वारा ऐसे विज्ञापनों सार्टीफिकेशन के आवेदन अमान्य किये जा सकते है। जिनमें की प्रकाशित विज्ञापन से आदर्श आचरण संहिता का उल्लंघन होता हो। ऐसे विज्ञापनों का प्रमाणीकरण भी समिति नहीं करेगी जो विज्ञापन किसी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी के विरूद्ध हो। विज्ञापन नैतिकता एवं शालीनता को समाप्त करता हो विज्ञापन विद्रोही घृणित और चौंकाने वाला, विज्ञापन, धर्म, जाति, नस्ल समुदाय के आधार पर दुशमनी को बढ़ावा देता हो। विज्ञापन से सार्वजनिक शांति भंग करने की संभावना हो। विज्ञापन लोगों को अपराघ और हिंसा के प्रति उकसाता हो या हिंसा व अशलीनता का महिमा मंडित करता हो। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127 ए तहत् यह प्रावधान है कि निर्वाचन के दौरान प्रिंटिग प्रेस के मुद्रित होने वाले, पंप्लेट, हैण्डबिल, पोस्टर आदि पर मुद्रक के बाद प्रकाशक का नाम मुद्रित होना आवश्यक है। पंप्लेट, पोस्टर आदि मुद्रित कराने से पूर्व प्रकाशक के पहचान की घोषणा उनके द्वारा हस्ताक्षरित तथा दो अन्य व्यक्तियों द्वारा सत्यापित होना भी आवश्यक है। इन प्रावधानों का उल्लंघन करने की दशा में दोषी व्यक्ति को 6 माह तक का कारावास अथवा जुर्माना जिसे दो हजार रूपये तक बढ़ाया जा सकता है अथवा दोनो से दण्डऩीय होगा।




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