(दतिया)प्रिन्टर्स, पेप्पलेट्स, पोस्टर आदि छापने के बाद चार प्रतियों में उपलबध् करायें - अपर कलेक्टर उपाध्याय

  • 04-Oct-23 12:00 AM

दतिया 4 अक्टूबर (आरएनएस)।आगामी विधानसभा निर्वाचन 2023 को स्वतंत्र, निष्पक्ष् एवं शांतिपूर्ण सम्पन्न कराने के लिए अपर कलेक्टर रूपेश उपाध्याय एवं नोडल जिला निर्वाचन अधिकारी श्री कमलेश भार्गव की उपस्थिति में आज प्रिन्टर्स की बैठक आयोजित की गई। बैठक में अपर कलेक्टर ने रूप्ष्ट रूप से निर्देशित किया कि अभ्यर्थी किसी भी प्रकार के पेप्पलेट्स, पोस्टर, मुद्रालय में छपवाता है, तो उससे निर्धरित प्रारूप पर हस्ताक्षर लें जिसमें दो गवाह भी होने चाहिए। इस प्रकार के नियम निर्देश अपनी प्रिंटिग प्रेस के बाहर चस्पा करायें। जिस पेम्पलेट्स, पोस्टर को छापते है तो उसकी चार प्रतियां कवरिंग लेटर के साथ अपने रिटर्निग अधिकारी कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। इस अवसर पर उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती भूमिजा सक्सैना सहित जिले के मुद्राणालयों के मालिक मौजूद थे। अपर कलेक्टर ने बताया कि निर्वाचन पेप्पलेटों, पोस्टरों आदि का मुद्रण एवं प्रकाशन लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127ए के उपबंधों द्वारा विनियमित किया जाता है। धारा 127ए पेप्टलेट्स, पोस्टरों आदि के मुद्रण पर प्रतिबंध है। कोई व्यक्ति ऐसे निर्वाचन पेप्पलेट अथवा पोस्टर का मुद्रण या प्रकाशन नहीं करेगा अथवा मुद्रित या प्रकाशित नहीं करवायेगा। जिसके मुख्य पृष्ठ पर मुद्रक एवं उसके प्रकाशक का नाम व पता न लिखा हो। कोई व्यक्ति किसी निर्वाचन पेम्पलेट अथवा पोस्टर का मुद्रण नहीं करेगा या मुद्रित नहीं करवाएगा जब तक कि प्रकाशक की पहचान की घोषणा उनके द्वारा हस्ताक्षरित तथा दो व्यक्ति जो उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानते हो, द्वारा सत्यापित न हो तथा जिसे उनके द्वारा डुप्लीकेट में मुद्रक को न दें दिया जाये तथा जब तक कि दस्तावेज के मुद्रण पश्चात् उचित समय पर मुद्रक द्वारा दस्तावेज की चार प्रतियोंं के साथ घोषणा की एक प्रति न भेजी जाए। जहां यह उस राज्य की राजधानी में मुद्रित हुआ है उसके सीईओ को। किसी अन्य मामले में जिले के डीएम को जहां यह मुद्रित हुआ है। उन्होंने बैठक में जानकारी देते हुए बताया कि हाथ में लिखी गई प्रतियों के अलावा दस्तावेज की प्रतियोंं की संख्या बढ़ाने के लिए किसी प्रक्रिया को मुद्रण समझ जायेगा। तथा वाक्यांश मुद्रक को तदनुरूप समझ जायेगा तथा निर्वचन पेप्पलेट अथवा पोस्टर से तात्पर्य है अभ्यर्थी के समूह के निर्वाचन के प्रचार या पूर्वाग्रह के उद्देश्य से वितरित किए गए हैण्ड बिल अथवा दस्तावेज या कोई इश्तहार जो निर्वाचन के संदर्भ में हो। परंतु केवल निर्वाचन फोटो एजेन्टों अथवा कार्यकर्ताओं के लिए निर्वाचन नेमी, अनुदेशों की तिथि, समय तथा अन्य विवरण की घोषणा से जुड़े कोई हैण्ड़ बिल, विज्ञापन अथवा पोस्टर में शामिल न हे। कोई व्यक्ति जो उपधारा (1) अथवा (2) के किसी भी उपबंध का उल्लंघन करता है वह 6 महिनें तक कारावास अथवा जुर्माने जिसे दो हजार रूपये तक बढ़ाया जा सकता है अथवा दोनों से दंडनीय होगा। बैठक में उन्होंने बताया कि मुद्रक तथा प्रकाशक पर उक्त प्रतिबंध का उद्देश्य यह है कि यदि धर्म, वंश, जाति, समुदाय या भाषा या विरोधी के चरित्र हनन इत्यादि के आधार पर अपील जैसे मामले शामिल हो तो संबंधित व्यक्तियों के विरूद्ध आवश्यक दण्ड़ात्मक या निरोधक कार्यवाही की जा सकती है। ये प्रतिबंध दलों अभ्यर्थियों तथा उनके समर्थकों द्वारा निर्वाचन पेम्पलेटों, पोस्टरों, इत्यादि के मुद्रण एवं प्रकाशन पर हुए अनाधिकृत निर्वाचन व्यय पर रोक लगाने के उद्देश्य में भी सहायक होते है। आयोग द्वारा सभी राजनैतिक दलों, अभ्यर्थियों तथा अन्य संबंधितों को चेतावनी देता है कि उपयुक्त विषय पर आयोग के निर्देशें तथा कानून के उल्लंघन को अत्यधिक गंभीरता से लिया जायेगा तथा उल्लंघनकर्ता के विरूद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जायेगी। यदि कानून के उपयुक्त प्रावधानों तथा आयोग के निर्देशों के प्रवर्तन के लिए जिम्मेदारी अधिकारी इस संबंध में अपने कार्यो के निष्पादन में असफल पाया जाता है तो उनके विरूद्ध पदीय कर्तव्य भंग करने के लिए शास्तिक कार्रवाई के साथ-साथ सख्त अनुशासनिक कार्यवाही भी की जायेगी। अन्य कानूनी प्रावाधान आयपीसी 171-4- निर्वाचन के सिलसिले में अवैध सदाय अभ्यर्थी के साधारण या विशेष लिखित प्राधिकार के बिना ऐसे अभ्यर्थी का निर्वाचन अग्रसर करना। अपर कलेक्टर उपाध्याय ने बताया कि जिले की प्रिंटिग प्रेस का जिला निर्वाचन अधिकारी तथा प्रेक्षकगणों द्वारा निरीक्षण भी किया जायेगा। अपर कलेक्टर ने बताया कि यदि मुद्रकों द्वारा आयोग के निर्देशों का उल्लंघन किया गया तो 2 हजार रूपये जुर्माना या 6 माह का कारावास दोनो सजा हो सकती है।




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