(दतिया)लाड़ली लक्ष्मी, लाड़ली बहिना के बाद अब ज्यादा से ज्यादा लखपति दीदी बनाना हमारा लक्ष्य-केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह
- 26-Aug-25 12:00 AM
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दतिया 26 अगस्त (आरएनएस)।भारतीय संस्कृति अद्भुद है इसमें एक ही चेतना सभी प्राणियों में वास करती है इस पवित्र धरा पर पशुओं में भी देवताओं का वास माना जाता है। आज हमारे देश के प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में किसान कल्याण के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे है और नई-नई योजनायें लाई जा रही है। जिससे उनकी आय में वृद्धि हो और कृषि के साथ-साथ पशुपालन को भी जोड़कर उनके जीवन को और बेहतर बनाया जा रहा है। यह बात केन्द्रीय ग्रामीण विकास, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पशु चकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविधालय के दतिया के आधुनिक पशु चिकित्सकीय परिसर, पशुधन और आवासीय परिसर के लोकार्पण कार्यक्रम में कही।केन्द्रीय मंत्री चौहान ने कहा कि शासन द्वारा नागरिकों के लिए चिकित्सा के क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की सुविधायें दी जा रही है तो क्यों न पशुओं को भी वहीं वेहतर सुविधायें प्रदान की जाये। जिससे किसान भाई जो पशुपालन करते हुए एवं उनकी आजीविका उस पर निर्भर करती है को फायदा मिलेगा और उनकी आमदनी बढेगी। इस धारणा को ध्यान मे रखते हुए नवीन परिसर का आज लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान भाई उसकी आत्मा है। आज कृषि के क्षेत्र मे आधुनिकता को अपनाया जा रहा है जिससे किसान की आय दोगुनी हो रही है इसके साथ पशुपालन से जोडकर उनकी आय में वृद्धि की जा रही है।उन्होंने कहा कि बहिनों के लिए लाड़ली लक्ष्मी योजना, लाड़ली बहिना योजना के साथ-साथ उन्हें लखपति दीदी बनाने का शासन का लक्ष्य है और उसके लिए हम कृत संकल्पित है। उन्होंने कहा कि किसान भाईयों को इस नवीन परिसर के लोकार्पण के बाद कई तरह से फायदा पहुंचेगा। वह अपने पशुओं का ईलाज करायेंगे साथ ही अपनी आमदनी पशुपालन में किस प्रकार बढ़ा सकते है इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। पशुपालन को एफपीओ से भी जोड़ा जायेगा। किसान भाईयों के लिए पशु मेले का आयोजन भी किया जायेगा। दूध प्रोसिंग के लिए नई तकनीक को विकसित किया जायेगा। उन्होंंने कहा कि इस नई सौगात से जागरण की नई बयार बहेगी जिससे पशुपालको ंका भी उद्धार होगा।केन्द्रीय मंत्री चौहान ने कहा कि मत्स्यिकी के कोर्स यहां प्रारंभ हो गए है इसके साथ-साथ वीसीआई से चर्चा कर यहां वेटनरी कोर्स भी प्रारंभ किये जायेंगे जिससे ज्यादा से ज्यादा युवाओं को इस क्षेत्र में शिक्षा पूरी करने का अवसर मिले। उन्होंने कहा कि पशुओं की सेवा करना सबसे बड़ी सेवा है और लोगों को रोजगार से जोडऩा भी बड़ी सेवा है। आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कृषि का पूरा परिदृश्य बदल रहा है। कृषकों को लाभान्वित करने के लिए नित नए प्रयास किये जा रहे। अब प्रयास रहेगा हर गांव से गरीबी को दूर किया जाये और हर कच्चे घर को पक्के में बदला जाए। उन्होंनें अपने वकतव्य में कहा कि स्वदेशी वस्तु को अपनी जवीन शैली में अपनायें और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इससे जोड़े। केन्द्रीय मंत्री चौहान ने इस कार्यक्रम के दौरान परिसर में पैधारोपण भी किया।क्षेत्रीय सांसंद संध्या राय ने कहा कि इस नई सौगात से किसानों, मघुआरों को लाभ तो पहुंचेगा साथ ही उनकी आजीविका में वृद्धि होगी। शासन की कई सारी योजनायें किसानों, बहिनों, युवाओं, गरीब के कल्याण के लिए लाई गई है। शासन द्वारा किसान भाईयों की आय बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा हैै। किसान सम्मान निधि से आज किसान भाईयों को 12 हजार रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। कृषि जगत में आधुनिकता लाकर नित नए आयम रचे जा रहे है। उन्होंने इस बड़ी उपलब्धि पर केन्द्रीय मंत्री चौहान को घन्यवाद दिया और उपस्थितजन को बधाई दी।सचिव एवं महानिदेशक आईसीएआर डॉ. एमएल जाट ने कहा कि बुन्देलखण्ड की धरती कृषि क्रांति का इंतजार कर रही है और इस प्रकार की नई सौगात देकर कृषि क्रांति के माध्यम से क्षेत्र को विकसित करना है। यह सौगात निश्चित ही क्षेत्र वासियों के लिए मील का पत्थर साबित होगी।इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष रघुवीर शरण कुशवाहा, सांसद भिण्ड़-दतिया संसदीय क्षेत्र संध्या राय, सेवढ़ा विधायक प्रदीप अग्रवाल, करैरा विधायक रमेश खटीक, पूर्व विधायक भाण्ड़ेर घनश्याम पिरौनिया, कलेक्टर स्वप्निल वानखडे, पुलिस अधीक्षक सूरज कुमार वर्मा, कुलपति अशोक कुमार अवस्थी, सचिव एवं महानिदेशक आईसीएआर डॉ. एमएल जाट, अधीष्ठाता पशु चिकित्सा महाविधालय वीपी सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारीगण आदि उपस्थित रहे।ज्ञातव्य है कि सितम्बर 2020 में केन्द्र के तत्कालीन कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर व तत्कालीन गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने इस अस्पताल, महाविद्यालय की आधार शिला रखी थी। 350 करोड़ की लागत से 186 एकड़ में फैले इस परिसर ने पांच साल में बनकर तैयार हुआ है। म.प्र., उत्तरप्रदेश और पूरे बुन्देलखंड क्षेत्र में इस स्तर का कोई दूसरा पशु अस्पताल नहीं है।परिसर की प्रमुख सुविधाएँ-रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी के कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह ने बताया परिसर आधुनिक शिक्षण एवं शोध भवन पूर्णत: वातानुकूलित शैक्षणिक व प्रशासनिक भवन, स्मार्ट क्लासरूम, परीक्षा एवं प्रशिक्षण हॉल, संग्रहालय, अत्याधुनिक प्रयोगशालाएँ, पुस्तकालय (ई-लाइब्रेरी सहित), कंप्यूटर लैब, केंद्रीय उपकरण सुविधा, सम्मेलन कक्ष एवं ऑडिटोरियम। आवासीय एवं छात्र सुविधाएँरू छात्र एवं छात्राओं के लिए दो सुसज्जित हॉस्टल (क्षमता 300), कर्मचारियों एवं किसानों के लिए आवासीय सुविधा, खेल एवं चिकित्सा सुविधा। पशु चिकित्सीय परिसर सुपर-स्पेशलिटी सुविधा, उन्नत निदान, शल्य, चिकित्सा एवं आपातकालीन देखभाल सेवाएँ; अत्याधुनिक क्लिनिकल लैब, निदान इमेजिंग, ऑपरेशन थिएटर एवं क्रिटिकल केयर यूनिट। पशुधन प्रक्षेत्र उन्नत प्रक्षेत्र जहाँ गाय, भैंस, बकरी, भेड़ आदि प्रजातियों का संरक्षण एवं अनुसंधान। मत्स्य प्रक्षेत्र परिसर 30 तालाबों में प्रायोगिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान, किसानों को प्रधानमंत्री मत्स्य योजना का लाभ दिलाने हेतु प्रशिक्षण।परिसर में शैक्षणिक पाठ्यक्रम-परिसर में स्नातक स्तर पर बी-एफ-एससी (बैचलर ऑफ फिशरीज साइंस)ए स्नातकोत्तर स्तर पर एम-व्ही-एससी, एफ-एफ-एससी, ओए पीएचडी, प्रमाणपत्र कोर्स, फ्रंटलाइन डेमोंस्ट्रेशन, प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं स्वास्थ्य शिविर।परिसर में अनुसंधान एवं विस्तार गतिविधियाँ-अग्रिम पंक्ति प्रदर्शनी एमएलडी, किसानों के लिए प्रायोगिक भ्रमण एवं प्रशिक्षण, रोग निदान, उत्पादकता वृद्धि एवं पशु स्वास्थ्य सुधार पर केंद्रित गतिविधियाँ। अधिष्ठाता, पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय डॉ. वी.पी. सिंह ने बताया कि यहाँ पालतू एवं फार्म पशुओं के रोग निदान एवं उपचार के लिए सुपर-स्पेशलिटी क्लिनिकल सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं, जो बुंदेलखंड में पशुपालकों के लिए वरदान सिद्ध होंगी। अधिष्ठाता, मत्स्यिकी महाविद्यालय डॉ. प्रमोद पांडे ने कहा कि दतिया क्षेत्र में मत्स्यपालन की अपार संभावनाएँ हैं। यहाँ बने 30 तालाबों में आधुनिक तकनीकों पर आधारित प्रशिक्षण एवं अनुसंधान किया जाएगा, जिससे किसानों को प्रधानमंत्री मत्स्य योजना का अधिकतम लाभ मिलेगा।
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