(दुर्ग)संगीत महाविद्यालय दुर्ग में नवरात्रि पर“भाव राग मंजरी कार्यक्रम

  • 25-Sep-25 11:49 AM

*मां दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित भजनों की प्रस्तुतियां*

दुर्ग, 25 सितंबर (आरएनएस):नवरात्रि के पावन अवसर पर संगीत महाविद्यालय दुर्ग में “भाव राग मंजरी” श्रृंखला के अंतर्गत एक भव्य सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। इस आयोजन में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों को समर्पित भजनों और प्रस्तुतियों ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया।

कार्यक्रम की शुरुआत नौ दुर्गा के रूपों की आराधना से हुई, जिसमें कलाकारों ने शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री के स्वरूपों का भावपूर्ण चित्रण प्रस्तुत किया। श्रद्धा और भक्ति से परिपूर्ण इन प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मां की महिमा से जोड़ दिया।


इसके बाद भजनों की श्रृंखला में जगदीश बामनिया, जीव नंदन, राजेंद्र गुप्ता, रामचंद्र घोष और नीलम साहू ने अपनी सुमधुर आवाज़ में देवी भक्ति से ओतप्रोत भजन प्रस्तुत किए। इन गायकों की प्रस्तुति ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया और कार्यक्रम स्थल भक्तिरस से सराबोर हो गया।

कार्यक्रम में समूहगान का भी विशेष आकर्षण रहा। कॉलेज के छात्र-छात्राओं – सुमन, अमन, राजेश्वरी, सीमा, योगिनी, वंदना, नेहा, मंजू, कुस्मिता, विवेक, ऋषभ, खिलेंद्र, मनीष, त्रवीन और सुरेश – ने मिलकर मां दुर्गा की स्तुति और जस गीतों की शानदार प्रस्तुति दी। इन प्रस्तुतियों को हारमोनियम पर माधो राम सिन्हा और सौरभ तथा तबले पर अरुण और मनीष ने संगति प्रदान की, जिसने प्रस्तुति को और अधिक प्रभावशाली बना दिया।

कार्यक्रम के अंत में पारंपरिक गरबा नृत्य का आयोजन हुआ, जिसमें प्रकाश कश्यप ने गरबा के पारंपरिक स्टेप्स सिखाए और सबको गरबा नृत्य में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। गरबा के रंग-बिरंगे आयोजन ने कार्यक्रम को जीवंत और उत्सवमय बना दिया।

प्राचार्या ऋचा ठाकुर ने कहा कि नवरात्रि का यह आयोजन छात्रों को भारतीय संस्कृति, संगीत और नृत्य के माध्यम से अपनी जड़ों से जोड़ने का एक प्रयास है। उन्होंने कहा कि इस तरह के सांस्कृतिक आयोजन नई पीढ़ी को भारतीय परंपराओं से जोड़ते हैं और उनमें कला के प्रति अनुराग को गहरा करते हैं।

कार्यक्रम का संचालन और आभार रामचंद्र घोष और तिलक राम वर्मा ने किया। आयोजन को सफल बनाने में निधि वर्मा, वत्सल तिवारी, राजेंद्र, यशवंत साहू और धनराज भोयर का विशेष सहयोग रहा।

भाव, राग और भक्ति से परिपूर्ण इस संगीतमय संध्या ने उपस्थित दर्शकों को आध्यात्मिक अनुभव कराया और नवरात्रि के पर्व को सार्थक रूप में मनाने का अवसर प्रदान किया।





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