
(दुर्ग) कांग्रेस अपनी नाकामी छुपाने सरकार को कोसना बंद करें - शिवेंद्र परिहार
- 21-Oct-24 02:08 AM
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0 शहर सरकार, असंवेदन शील, श्मशान घाट जीर्णोद्धार जैसे कार्य में भी उदासीन ..
0 गजेंद्र यादव ने आठ मुक्तिधाम जीर्णोद्धार के लिए 2.50 करोड़ रुपए स्वीकृत कराए...
दुर्ग, 21 अक्टूबर (आरएनएस)। नगर निगम की वर्तमान शहरी सरकार पर निष्क्रियता एवं असंवेदन शीलता का आरोप लगाते हुए पूर्व एमआईसी प्रभारी एवं वरिष्ठ पार्षद शिवेंद्र परिहार ने कहा कि निगम प्रशासन एवं महापौर परिषद ने निगम क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं के साथ श्मशानघाट जीर्णोद्धार जैसे कार्य में भी उदासीन रहे है। जबकि नई सरकार के गठन के साथ ही विधायक बने गजेंद्र यादव ने 2.50 करोड़ रुपए दुर्ग शहर के विभिन्न आठ मुक्तिधाम के जीर्णोद्धार के लिए स्वीकृत कराया है । शिवेन्द्र परिहार ने कहा लोगो की परेशानी और तकलीफ को दूर करने की अपनी नाकामयाबी को छुपाने के लिए कांग्रेस सरकार को कोसना और सिर्फ राजनीति करते आ रही है। कांग्रेस महापौर, पार्षद, एमआईसी प्रभारी भी क्या करे उन्हें जो विरासत में मिला है वहीं काम ही करेंगे। कांग्रेस की नीति और रीति दोनों शहर की जनता से छुपी नही हैं। इसका परिणाम उन्हें आने वाले निकाय चुनाव में देखने को मिलेगा। शिवेंद्र परिहार ने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के जनसंपर्क के दौरान दुर्ग शहर की जनता ने शहर के विभिन्न वार्डो में स्थित श्मशानघाट की दयनीय स्थिति से भाजपा प्रत्याशी गजेंद्र यादव को अवगत कराया था। विधायक गजेंद्र यादव ने दुर्ग शहर के विभिन्न आठ मुक्तिधामो की चिंता की। उसके जीर्णोद्धार के लिए मार्च 2024 में 2.48 करोड़ रुपए स्वीकृत करवाए। जिसका भूमिपूजन भी हरनबंधा मुक्तिधाम में किया गया। परंतु आज दिनांक तक किसी भी मुक्तिधाम में किसी प्रकार का कार्य प्रारंभ नहीं हो सका।
उन्होंने बताया जिन वार्डो के मुक्तिधाम का जीर्णोद्धार किया जाएगा उनमें वार्ड 15 करहीडीह, वार्ड 17 कादंबरी नगर, वार्ड 55 पुलगांव, वार्ड 56 बघेरा, वार्ड 57 उरला, वार्ड 60 रायपुर नाका, वार्ड 50 बोरसी भांठा शामिल है। एक तरफ तो महापौर धीरज बाकलीवाल प्रदेश सरकार पर विकास कार्यों के लिए राशि उपलब्ध नहीं करने का आरोप लगाते है, दूसरी तरफ सरकार द्वारा मुक्तिधाम जीर्णोद्धार के लिए जारी की गई राशि के कार्य को आज आठ महीने के बाद भी प्रारंभ नही कर पा रहे है। शिवेन्द्र परिहार ने बताया सरकार द्वारा जारी की गई राशि का उपयोग कर उसकी उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं भेजने से और राशि का आबंटन सरकार द्वारा नहीं किया जाता। उन्होंने कहा जब महापौर परिषद ने जारी राशि का उपयोग ही नहीं किया है फिर किस मुंह से राशि की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गत पांच साल से शहर सरकार का संचालन करते आ रहे है तो कोई नियम की जानकारी इन्हें है या नहीं ।
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