(दुर्ग) दुर्ग शहर की ट्रेफिक व्यवस्था दयनीय
- 22-Oct-24 12:00 AM
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दुर्ग, 22 अक्टूबर (आरएनएस)। दुर्ग शहर के कई महत्वपूर्ण इलाके जबरदस्त ट्रैफि क जाम की चपेट में है। यदि अभी से उपाय नहीं किया गया, तो शहर की बड़ी आबादी को आम आवाजाही में भारी तकलीफ उठानी पड़ेगी। प्रशासन की ओर से कोई कार्ययोजना बहरहाल नजर नहीं आ रही है। ऐसा लगता है शासन भी निरुपाय है। सबसे बड़ी चुनौती रेलवे स्टेशन के सामने लगने वाला जाम है। ट्रेन बैठने स्टेशन आने वाले यात्रियों को मात्र सौ डेढ़ सौ मीटर दूरी तय करने में 20-30 मिनट का समय लग जा रहा है। यह सिलसिला दो सालों में बदस्तूर बढ़ा है। स्टेशन का सामने वाला रोड काफी सकरा है। सामने स्थित होटल और मंदिर, चौड़ीकरण में बड़ी अड़चन है। कोई न कोई रास्ता निकालना ही पड़ेगा।अन्यथा आगामी एक–दो सालों में जनता को बड़ी परेशानी से जूझने तैयार रहना पड़ेगा। यही हाल महाराजा और पोटिया चौक का भी है। ऐसा नहीं कि इस समस्या का कोई हल नहीं। इसके लिए बहुत पैसे चाहिए, और सरकार के पास उसकी कमी दिखती है। जानकार बताते है कि बजट का बड़ा हिस्सा महतारी वंदन योजना की राशि में जा रहा है। राज्य की विष्णुदेव सरकार केंद्र सरकार से छत्तीसगढ़ राज्य के लिए अतिरिक्त पैकेज नहीं ला पा रही हैं। यद्यपि जरूरी निर्माण कार्यों की गति जारी है, मगर जरूरत के मुताबिक तेज इंफ्रास्ट्रक्चरखड़ी करने में सरकार कामयाब नहीं हो रही है। छत्तीसगढ़ के कमोबेश सभी बड़े शहरों में ट्रैफिक जाम की समस्या है। राजधानी रायपुर में ट्रैफिक व्यवस्था की आधारभूत संरचना बड़ी मुश्किल से खड़ी की गई है। किंतु पड़ोसी शहर दुर्ग इसमें पिछड़ गया है। भिलाई स्टील प्लांट के चलते भिलाई की स्थिति ठीक है, पर दुर्ग के सभी विकासशील इलाकों में स्थिति दयनीय है। इंदिरा मार्केट की हालत से सभी वाकिफ हैं। किंतु आउटर में खुल रहे व्यवसायिक क्षेत्रों के लिए शहर प्रशासन कुछ नहीं कर पा रहा है।
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