(दुर्ग) व्याख्याता पर शिक्षिका ने लगाए छेड़छाड़ के आरोप, डीईओ ने दिए जांच के निर्देश

  • 16-Oct-23 01:46 AM

0 प्राचार्या ने पीडि़त शिक्षिका की शिकायत का आवेदन लेने से किया इंकार, मामले की कोतवाली पुलिस थाने में भी की गई शिकायत
दुर्ग, 16 अक्टूबर (आरएनएस)। स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम विद्यालय (जेआरडी) दुर्ग के व्याख्याता पर विद्यालय की एक शिक्षिका ने यौन उत्पीडऩ की नीयत से छेड़छाड़ (बैड टच) करने का गंभीर आरोप लगाया है। इस घटना की शिकायत संबंधी आवेदन को प्राचार्या ने लेने से ही इंकार कर दिया।
मजबूरन शिक्षिका ने जिला शिक्षा अधिकारी दुर्ग व कोतवाली थाना दुर्ग को लिखित में घटना की शिकायत करते हुए आरोपी व्याख्याता के विरुद्ध कार्रवाई करने की गुहार लगाई गई है। इस शिकायत को जिला शिक्षा अधिकारी ने गंभीरता से लिया है और प्राचार्या को संस्था में गठित विशाखा समिति से मामले की जांच करवाकर प्रतिवेदन दो दिनों के भीतर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए है। जेआरडी स्कूल मे शिक्षिका से छेड़छाड़ का यह मामला ऐसे समय में सामने आया है, जब विद्यालय में आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित एक शिकायत पर कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं। शिकायत के अनुसार घटना 12 अक्टूबर को दोपहर करीब 12 बजे के आसपास की है। यहां स्टाफ रूम में महिला शिक्षिका (प्रधानपाठक) विभागीय कार्य कर रही थी।इसी दौरान सूनेपन का फायदा उठाते हुए बदनीयती से विद्यालय के एक व्याख्याता ने उनसे अचानक छेड़छाड़ (बैड टच) करना शुरु कर दिया। इसका शिक्षिका ने विरोध किया। शिकायत के अनुसार जब छेड़छाड़ की इस घटना की जानकारी शिक्षिका ने प्राचार्या को दी,तो उन्होंने इस घटना पर संज्ञान लेने के बजाय आरोपी व्याख्याता का पक्ष लेते हुए कहा कि वे ऐसा नहीं कर सकते। शिक्षिका ने प्राचार्या से कहा कि वे आरोप की पुष्टि के लिए सीसीटीवी कैमरे का फुटेज देख लें। लेकिन उन्होंने बजाय कार्रवाई करने के इस घटना की जानकारी किसी को नहीं देने व किसी को लिखित शिकायत नहीं करने के लिए दबाव बनाया। शिक्षिका को उन्होंने चुपचाप घर जाने के लिए बोल दिया शिकायत संबंधी आवेदन नहीं लिया जब शिक्षिका ने प्राचार्या से इस घटना की लिखित शिकायत करते हुए आवेदन देना चाहा तो उन्होंने आवेदन लेने से ही इंकार कर कर दिया। यहां तक कहा कि जिसको शिकायत करना है कर दो। उन्होंने घटना का सीसीटीवी फुटेज देने से भी मना कर दिया। बोलीं मैंने फुटेज देख लिया है ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।
पुलिस जांच में फुटेज गायब
इस मामले की शिकायत पर शिक्षा विभाग विशाखा कमेटी से जांच कर कराएगा। दूसरी तरफ पुलिस ने जांच में सीसीटीवी कैमरे की रिकार्डिंग देखा तो उसमें घटना की रिकार्डिंग नहीं मिली।  ऐसे में पुलिस यह मानकर चल रही है कि फुटेज हटाकर साक्ष्य से छेड़छाड़ करने की कोशिश की गई है जो कि अपने आप में एक गंभीर अपराध है। ऐसे में साक्ष्य मिटाने व इसमें सहयोग करने वाले भी पुलिस की जांच के दायरे में आ जाएंगे। इधर इस पूरी घटना से विद्यालय के महिला शिक्षिकाओं का स्टाफ डरा हुआ है और खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है। कोतवाली थाना प्रभारी  महेश धु्रव ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। घटना सत्य पाए जाने पर आरोपी को गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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