(देहरादून)एक हजार आउटसोर्स कर्मचारियों की नौकरी पर मंडराया खतरा
- 06-Feb-25 12:00 AM
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देहरादून,06 फरवरी (आरएनएस)। देहरादून में वन विकास निगम के प्रदेश भर के डिवीजनों में पेड़ कटान से लेकर उठान तक का काम अप्रैल से ठेकेदारी पर दिए जाने की तैयारी है। आरएम मुख्यालय ने इसके लिए सभी डीएलएम को निर्देश जारी किए हैं। इससे करीब एक हजार आउटसोर्स कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा मंडराने लगा है। वन विकास निगम कर्मचारी संगठन ने इसके विरोध में सात फरवरी को आपात बैठक बुला ली है।क्षेत्रीय प्रबंधक मुख्यालय महेश आर्य की ओर से गढ़वाल और कुमाऊं के सभी डीएलएम को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि पिछले साल दिसंबर में वन निगम को करीब ढाई लाख घन मीटर लकड़ी कटान और उठान का काम मिला था। इस साल मार्च के बाद इससे भी ज्यादा काम मिलने की उम्मीद है। ऐसे में इस काम को समय पर पूरा करने के लिए निगम के पास कर्मचारियों की भारी कमी है।आउटसोर्स के जरिए काम पूरा होना मुश्किल है। ऐसे में आउटसोर्स पर कर्मचारी रखने से समय पर काम पूरा नहीं हो पाएगा। इसी के चलते सभी डिवजनों में अप्रैल से आउटसोर्स कर्मचारियों की तैनाती के बजाए सारा काम आउटसोर्स पर प्रतिघन मीटर के हिसाब से दे दिया जाए। आरएम के इस आदेश के बाद आउटसोर्स के करीब एक हजार कर्मचारियों की नौकरी पर संकट खड़ा हो गया है। वहीं स्थायी कर्मचारी इसके विरोध में आ गए हैं। उनका कहना है कि यह निगम के निजीकरण की साजिश है। जिस बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।...तो रिन्यू नहीं होगा आउटसोर्स कर्मियों का अनुबंधकर्मचारी संगठनों का कहना है कि लॉगिंग का पूरा काम आउटसोर्स पर देना गलत है। जबकि इसके लिए शासन स्तर से कोई निर्णय नहीं लिया गया। इससे जहां आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं नए वित्तीय वर्ष में रिन्यू नहीं होंगी वहीं लकड़ी की चोरी बढऩे की भी आशंका है। उनका कहना है कि लकड़ी कटान से ही निगम की अर्थव्यवस्था अभी ठीक है। अगर ये भी निजी हाथों में चला गया तो निगम की हालत खराब हो जाएगी।वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा, मामला बेहद गंभीर है। अगर निगम प्रबंधन ने ऐसा कोई फैसला लिया है जिससे लोगों के रोजगार पर असर पड़ रहा हो तो उसे देखा जाएगा। किसी भी सूरत में किसी कर्मचारियों को बेरोजगार नहीं होने दिया जाएगा। इस मामले में बोर्ड के प्रभारी अध्यक्ष और प्रमुख सचिव वन से बात की जाएगी।
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