(धमतरी) धार्मिक स्थलों का विकास केवल भवन निर्माण नहीं होता, बल्कि यह भावनात्मक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है - रंजना साहू

  • 01-Oct-25 10:54 AM

0 समस्त देमार ग्रामवासियों के जनसहयोग से निर्मित होगा माता मंदिर में ज्योति कक्ष भवन, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती रंजना साहू ने किया भूमिपूजन
धमतरी, 01 अक्टूबर (आरएनएस)। ग्राम देमार में जनसहयोग की मिसाल कायम करते हुए ग्रामवासियों ने एक अत्यंत पुण्य कार्य का बीड़ा उठाया है।


स्थानीय माता मंदिर परिसर में 'ज्योति कक्ष भवनÓ का निर्माण ग्रामवासियों के सामूहिक सहयोग से किया जाएगा। इस नवनिर्माण का भूमिपूजन भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ विधानसभा क्षेत्र की धमतरी पूर्व विधायक श्रीमती रंजना साहू के करकमलों से संपन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार और पूजा-अर्चना के साथ हुई। भूमिपूजन समारोह में श्रद्धा और उत्साह का विशेष वातावरण देखने को मिला, ग्राम देमार की जनता ने यह संकल्प लिया है कि मंदिर परिसर में बनने वाला यह ज्योति कक्ष भवन पूरी तरह से जनसहयोग से निर्मित किया जाएगा। इसके लिए ग्राम के प्रबुद्ध नागरिक, युवा वर्ग, महिलाएं और वरिष्ठजन एकजुट होकर कार्य में जुटे हैं।  यथासंभव आर्थिक सहयोग एकत्रित किया जा रहा है। भूमिपूजन के उपरांत अपने उद्बोधन में श्रीमती रंजना साहू ने ग्रामवासियों की सराहना करते हुए कहा कि देमार ग्रामवासियों द्वारा जनसहयोग से किया जा रहा यह प्रयास वास्तव में अनुकरणीय है, धार्मिक स्थलों का विकास केवल भवन निर्माण नहीं होता, बल्कि यह भावनात्मक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक होता है। इस प्रकार के प्रयास समाज को जोडऩे का कार्य करता है, उन्होंने आगे कहा कि भारतीय संस्कृति में 'लोक सहयोगÓ की भावना सदियों से रही है, और आज भी जब ग्रामवासी स्वेच्छा से अपने समय, श्रम और धन का उपयोग करते हैं, तो ऐसे प्रयास समाज के लिए प्रेरणादायी बनते हैं। भूमिपूजन कार्यक्रम में पूर्व जिला पंचायत सदस्य दमयंती साहू, शीत कुमार साहू, मण्डल महामंत्री राकेश साहू, बसंत मीनपाल, संजय साहू, स्थानीय जनपद सदस्य, ग्राम पंचायत सरपंच शीतल मीनपाल, क्षेत्र के अनेक जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता और ग्राम के वरिष्ठ नागरिक मौजूद रहे। सभी ने एकमत होकर इस कार्य को सफल बनाने का संकल्प लिए। जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाओं और युवाओं ने भाग लिया। देमार ग्रामवासियों का यह सामूहिक प्रयास न केवल धार्मिक भावना का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक एकता और सहयोग की मिसाल भी है।
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