
(धमतरी) नहीं रहे हास्य-व्यंग्य के सुप्रसिद्ध कवि सुरजीत नवदीप
- 16-Sep-25 07:57 AM
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धमतरी, 16 सितंबर (आरएनएस)। हास्य -व्यंग्य के राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि, छत्तीसगढ़ के जिला मुख्यालय धमतरी निवासी सुरजीत नवदीप का बीती रात 15सितम्बर को अपने गृह नगर धमतरीके एक प्राइवेट अस्पताल में निधन हो गया. वह 88 साल के थे.
उनका जन्म एक जुलाई 1937 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रान्त में मंडी भवलदीन नामक स्थान में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है. देश विभाजन की त्रासदी को झेलते हुए वह अपने परिवार के साथ भारत आ गए और यहाँ आकर छत्तीसगढ़ के जन -जीवन में रच -बस गए.
नवदीप जी ने यहाँ हिन्दी साहित्य में एम. ए. किया और बी. एड. तथा सी. पी. एड. की भी शिक्षा हासिल की. उन्होंने धमतरी के विभिन्न स्कूलों में कई दशकों तक अध्यापन कार्य किया. नवदीप जी हास्य -व्यंग्य के कवि होने के साथ -साथ स्थानीय, प्रादेशिक और राष्ट्रीय स्तर के कवि सम्मेलनों के कुशल और लोकप्रिय मंच संचालक भी रहे.लगभग छह दशकों तक वे कवि सम्मेलनों में छाए रहे.
छत्तीसगढ़ सरकार ने उन्हें छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग का सदस्य मनोनीत किया था. उल्लेखनीय साहित्यिक सेवाओं के लिए नवदीप जी को विभिन्न अवसरों पर अनेक संस्थाओं ने पुरस्कृत भी किया. नवदीप जी की प्रकाशित पुस्तकों में भारत विभाजन की त्रासदी पर आधारित उपन्यास 'लाजवंती का पौधा ' और कविता संग्रहों में (1)हवाओं में भटकते हाथ (2) कुर्सी के चक्कर में (3) शब्दों का अलावा (4) आँसू हँसते हैं और (5) रावण कब मरेगा शामिल हैं. आकाशवाणी और दूरदर्शन से भी कई बार उनका काव्य पाठ प्रसारित हुआ.
धमतरी जिला हिन्दी साहित्य समिति के अध्यक्ष डुमन लाल ध्रुव ने नवदीप जी के निधन पर शोक प्रकट किया है और अपनी ओर से तथा समिति की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है.
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