(धमतरी) फ रसियां में राष्ट्रीय सेवा योजना का स्थापना दिवस मनाया गया

  • 25-Sep-25 08:33 AM

धमतरी 25 सितबंर (आरएनएस)। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय फरसियां के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा स्थापना दिवस 24 सितंबर को मनाया गया  यह कार्यक्रम गांधी  के जन्म शताब्दी से 1969 से शुरूआत किया गया था।यह  भारत सरकार खेल एवं युवा कल्याण मंत्रालय नई दिल्ली के द्वारा संचालित है।   कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए प्राचार्य नीरज कुमार सोन ने कहा कि एनएसएस के माध्यम से विद्यार्थी पढ़ाई के साथ-साथ समाजसेवा में भी भाग ले सकते हैं। समाज में प्रचलित अंधविश्वास और कुप्रथाओं को दूर करने के लिए युवाओं को सकारात्मक पहल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्र जीवन में सेवा भाव का विकास व्यक्ति के पूरे जीवन को नई दिशा देता है।
एनएसएस इकाई के कार्यक्रम अधिकारी ऋषिकेश साहू ने विद्यार्थियों से अपील की कि वे इस योजना से जुड़कर राष्ट्र निर्माण में योगदान दें। उन्होंने कहा कि एनएसएस युवाओं को समाज और राष्ट्र दोनों के प्रति जिम्मेदारी निभाने की शिक्षा देता है।  वहीं इकाई के सहायक कार्यक्रम अधिकारी यशपाल सिंह साहू  ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना विद्यार्थियों को सामाजिक दायित्व निभाने और सेवा भावना से जोड़े रखने वाली सबसे महत्वपूर्ण संस्था है। इसके जरिए विद्यार्थी शिक्षा के साथ-साथ समाजीकरण की प्रक्रिया में भी सक्रिय रहते हैं। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए ,कामिनी ध्रुव ने तेरा हिमालय आकाश छू ले दीपांशु कश्यप ने ओ देश मेरे,भूपेश निर्मलकर ने सिंधु घाटी में जन्मे थे कि गीत प्रस्तुत किये और समाज सेवा से जुड़े अनुभव साझा किए
किरण ने विद्यार्थियों को नशा मुक्ति, पर्यावरण संरक्षण और साक्षरता अभियान जैसे सामाजिक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया। स्वच्छता अभियान को जन आंदोलन बनाने में एनएसएस की भूमिका महत्वपूर्ण है.
लोमश पटेल ने कहा कि स्वयंसेवक समाज के वंचित वर्गों के बीच जाकर नुक्कड़ नाटक, स्लोगन और जागरूकता अभियानों के जरिए सकारात्मक संदेश फैलाते हैं. कु त्रिवेणी सूर्यवंशी ने कहा किराष्ट्रीय सेवा योजना का ध्येय वाक्य 'मैं नहीं, आपÓ स्वयंसेवकों की भावना और उनके कार्यों का सच्चा परिचायक है. प्रेमलाल ध्रुव के कहा कि यह योजना प्रतिभावान युवाओं को गांव से लेकर राष्ट्रीय मंच तक अवसर प्रदान करती है."
  इस अवसर पर व्याख्याता निरुपमा श्रीमाली, किरन श्रीमाली, लोमश कुमार पटेल, यशपाल साहू, प्रेमलाल ध्रुव, अरविंद सोम, रेणु सोम, अंजना लाउत्रे, ऋषिकेश साहू, शिल्पा मानिकपुरी, पारुल बिसेन त्रिवेणी सूर्यवंशी, गीतिका निषाद, आरती निषाद, नीलम साहू, टिकेश साहू, त्रिलोक कपूर ध्रुव, भगवती ध्रुव, ललिता निषाद, भरत चनाप उपस्थित रहे।
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