
(धमतरी) हास्य व्यंग्य के प्रखर स्वर सुरजीत नवदीप नहीं रहे, साहित्यिक जगत में शोक की लहर
- 16-Sep-25 05:47 AM
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धमतरी, 16 सितम्बर (आरएनएस)। धमतरी जिले के साहित्य जगत ने एक चमकता सितारा खो दिया है। प्रसिद्ध हास्य व्यंग्य कवि, अखिल भारतीय कवि सम्मेलनों के लोकप्रिय मंच संचालक और धमतरी जिला हिंदी साहित्य समिति के संरक्षक सुरजीत नवदीप अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने नगर के उपाध्याय नर्सिंग होम में रात्रि 9 बजे अंतिम सांस ली। वे अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनकी अंतिम यात्रा आज सुबह 9 बजे से उनके निवास, काल टैक्स पेट्रोल पंप के पीछे, डाक बंगला वार्ड, से प्रारंभ होगी तथा दोपहर 2 बजे गुरुद्वारा होते हुए मुक्तिधाम के लिए प्रस्थान करेगी। उनके निधन से न केवल धमतरी, बल्कि पूरे प्रदेश का साहित्यिक समाज शोकाकुल है।
श्री नवदीप का जन्म 1 जुलाई 1937 को मंडी भवलदीन, पंजाब (अब पाकिस्तान) में हुआ था। उन्होंने एम.ए. (हिंदी), बी.एड. और सी.पी.एड. की उपाधियां प्राप्त कर शिक्षा क्षेत्र में लंबे समय तक सेवा दी। सेवानिवृत्ति के बाद वे पूर्ण रूप से साहित्य सेवा में संलग्न हो गए। हिंदी हास्य–व्यंग्य कविता में उनका नाम अत्यंत सम्मान के साथ लिया जाता है। वे एक समर्थ कवि ही नहीं, बल्कि गजलकार, गीतकार और कहानीकार भी थे। उनकी रचनाएं देशभर की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुईं और रेडियो व दूरदर्शन पर काव्यपाठ व कार्यक्रमों के माध्यम से उन्हें विशेष लोकप्रियता मिली।
उनकी प्रमुख कृतियों में 'लाजवंती का पौधाÓ (उपन्यास), 'हवाओं में भटकते हाथÓ, 'कुर्सी के चक्कर मेंÓ, 'शब्दों का अलावÓ, 'रावण कब मरेगा?Ó, 'बुढ़ापा जिन्दाबादÓ, 'खाओ पीयो खिसकोज्Ó, 'आंसू हंसते हैंÓ जैसे काव्य संग्रह शामिल हैं, जिनमें समाज की विसंगतियों, मानवीय संवेदनाओं और राजनीतिक विडंबनाओं को व्यंग्य और हास्य के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। श्री नवदीप को उनके साहित्यिक योगदान के लिए देशभर की अनेक संस्थाओं ने सम्मानित किया, जिनमें राजभाषा स्वर्ण जयंती समारोह (कर्नाटक), मेट्रो रेलवे (कलकत्ता), छत्तीसगढ़ राष्ट्रभाषा प्रचार समिति (रायपुर), स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया, नेशनल थर्मल पावर (उड़ीसा), छत्तीसगढ़ साहित्य सम्मेलन, राष्ट्रभाषा कार्यान्वयन समिति, सेंट्रल बैंक (रायपुर) जैसी प्रतिष्ठित संस्थाएं शामिल हैं। वे छत्तीसगढ़ राज्य राजभाषा आयोग के सदस्य भी रह चुके थे। श्री नवदीप मंच पर अपनी अनोखी शैली से हास्य का रस घोलते थे, साथ ही समाज की गंभीर समस्याओं पर तीखी और सधी हुई व्यंग्यात्मक टिप्पणी भी करते थे। वे नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत रहे। उनके निधन से काव्य मंचों की वह जीवंत ऊर्जा अब स्मृतियों में रह जाएगी। धमतरी जिला हिंदी साहित्य समिति के अध्यक्ष डुमन लाल ध्रुव ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, हास्य के साथ-साथ समाज की गंभीरताओं पर ध्यान आकर्षित करने वाला यह व्यक्तित्व हमेशा प्रेरणा देता रहेगा। श्री नवदीप की रचनाएं, उनकी आवाज और उनका मंचीय प्रभाव साहित्य प्रेमियों के हृदय में सदैव जीवित रहेगा। साहित्य समाज उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
बंछोर
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