(नगरी) माता शीतला के खड्ग से हुआ सहस्त्रबाहु रावण का वध

  • 04-Oct-25 05:30 AM


० ग्रामीण पुतले के मिट्टी को अपने साथ ले गए
० देव विग्रहो का सत्कार हुआ थाना में
नगरी, 04 अक्टूबर (आरएनएस)। सिहावा गढ़ में परम्परानुसार एकादशी के दिन शुक्रवार को दशहरा पर सहस्त्रबाहु रावण का वध माता शीतला के खड्ग से हुआ।सैकड़ों साल पुरानी इस ऐतिहासिक परम्परा को देखने खराब मौसम के बावजूद हमेशा की तरह ग्रामीणों की भीड़ रही।महिलाओं को इस स्थान पर जाना वर्जित था।सिहावा गढ़ के देवी देवताये गांव का भ्रमण कर थाना आये।थाने में स्वागत सत्कार उपरांत गणेश मंदिर के पास चांद मारी की । देवी देवताये  पुन: थाना होते दल बल के साथ शीतला मन्दिर पहुचे । शीतला मन्दिर से माता शीतला का खड्ग लेकर रावण भाटा में पुजारी ने सहस्र बाहु रावण का वध किया।ग्रामीण विजय का प्रतीक मानकर सहस्र बाहु के पुतले की मिट्टी को नोचकर अपने साथ ले गए। तथा एक दूसरे को माथे में
मिट्टी लगा कर बधाई दी। रावण वध उपरांत शीतला मन्दिर में माता शीतला अपने खड्ग से कुष्मांड बलि के बाद शांत होती है।फिर गढ़ की देवी देवताओं को बिदाई दी गई।


)
शीतला समिति के अध्यक्ष कैलाश पवार ने बताया की सहस्त्र बाहु रावण की मूर्ति का निर्माण परम्परानुसार एकादशी के दिन ही स्थानीय कुम्हारों द्वारा मिट्टी से बनाया जाता है।मौके पर कलम सिंह पवार, महासचिव नेम सिंह बिसेन,सह सचिव नरेंद्र नाग,नारद निषाद,बुधेस्वर साहू,कोशाध्यक्ष गेंद लाल यादव,  राजेश यदु,  तुकाराम साहू ,पुजारी ज्ञान सागर पटेल, तुकाराम बेश, बलदेव निषाद, राजकुमार निषाद, छबि ठाकुर, संजय सारथीं,रामाराव बघेल,रामलाल नेताम,प्रवीण गुप्ता,सचिन भंसाली,गगन नाहटा,भरत निर्मलकर,महेंद्र कौशल ,कुँवर साहू,म ंशा राम गौर,जग्गू साहू,,नरेश पटेल ,महेश साहू,लाल जी साहू,संतोष पवार,ललित निर्मलकर,सुभाष यादव,महेंद्र साहू ,अभय नेताम ,नवल साहू,दिनेश पटेल,दीनदयाल गन्धर्व,बैजनाथ पटेल, बाल सिंह शोरी,शान्ति लाल साहू,राजू गोस्वामी आदि  की उपस्थिति रही।
सैकड़ों साल पुरानी है परम्परा
मान्यता है कि जब भगवान राम लंका पति रावण का वध कर सीता मैया से मिले तब सीता मैया ने उन्हें बताया कि अभी आपको सहस्त्र बाहु रावण का वध करना है तब भगवान राम ने सहस्त्र बाहु रावण पर आक्रमण किया ।लेकिन ब्रम्हा से मिले वरदान के चलते श्री राम उसका वध नही कर पाए ।मर्यादा तोड़ते हुए सहस्त्रबाहु रावण माता के सामने नग्न होकर ललकारने लगा तब सीता माता ने आदि
शक्ति का रूप धारण कर अपने खड्ग से सहस्त्रबाहु रावण का वध किया। सिहावा गढ़ की सैकड़ों साल पुरानी इस अनूठी परम्परा को दशहरा के रुप मे मनाया जाता है।
बंछोर
000

 




Related Articles

Comments
  • No Comments...

Leave a Comment