(नीमच)पत्रकार राहुल मेघवाल के साथ कथिपय लोगो ने की मारपीट
- 16-Jun-25 12:00 AM
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-चेहरा छुपाकर आये बदमाश, कुआं मे फेंकने की थी तैयारी, ग्रामीणो ने किया बीच बचाव-पुलिस ने नही की सुनवाई, पत्रकार को उल्टा डराया धमकायानीमच 16 जून (आरएनएस)। हनिट्रेप, कीडनेपिंक जैसे मामले तो अब तक सुने होंगे, लेकिन यहां एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां नीमच एक पत्रकार के साथ कथिपय लोगो ने एक सोची समझी और तय रणनीति के साथ मारपीट और जान से मारने की नाकाम कोशिश की है।पिछले कई वर्षो से नीमच जिले की मीडिया में सक्रिय रूप से जुड़े पत्रकार राहुल मेघवाल के साथ हाल में घटी मारपीट की घटना चर्चा का विषय बन गई है। बताया जा रहा है राहुल मेघवाल नीमच के दहशरा मैदान में खड़े थे कि तभी एक व्यक्ति उन्हे खबर के सिलसिले में एमपी की सरहद पार ले गया। लेकिन यहां एमपी से बाहर कदम रखते ही राहुल के साथ वह घटना घटित हुई जिसे जानकर आप भी हैरत में पड़ सकते है।राहुल मेघवाल राजस्थान के कैसुंदा ले जाया गया, जहां एक खेत पर बने कुए की आड़ में उन्हे बिठाया और वही कुछ अज्ञात 4 चार नकाबपेश लोग पहुंचे और आते ही राहुल मेघवाल के साथ लात घुसो से मारपीट करने लगे।घटना में बताया जा रहा है कि राहुल मेघवाल पर किसी खबर को प्रकाशित करने पर यह हमला हुआ है। नीमच के दशहरा मैदान से राहुल की पुरी रेकी की गई और राजस्थान पहुंचते ही मारपीट जैसी घटना को अंजाम देते हुए कुछ नकाबपोश व्यक्तियो ने राहुल को जान से मारने के लिए कुआं में फैंकने की भी नाकाम कोशिश भी की थी। राहुल मेघवाल के चिखने चिल्लाने पर आस —पास के लोग मौके पर एकत्रित हो गए और राहुल की जान बाल—बाल बच पाई।इस पुरी घटना के संबंध में राहुल मेघवाल संबंधित थाना पर शिकायत करने भी पहुंचे, लेकिन वहां पुलिस ने राहुल की कोई सुनवाई नही की गई। उल्टा राहुल को झुठे केस में फंसाने की धमकियां पुलिस द्वारा दी गई। हताश होकर राहुलअपने परिजनो को जानकारी देने पहुंचे ही थे कि तभी उनके साथ मारपीट वाला वीडियो वायरल हो गया।ऐसे में राहुल मेघवाल ने इस घटना से पर्दा उठाते हुए बताया है कि केसुंदा में चार लोग एकजुट होकर हमला करने आए थे, जिसमें एक रघु जाट और दुसरा देवकीनंदन जाट इस पुरी घटना में शामिल था। घटना का संबंध महज खबर को प्रकाशित करना है कि जबकि उक्त वायरल वीडियो में किसी लड़की के साथ छेड़छाड़ करने को लेकर मारपीट करने की बात सामने आ रही है। लेकिन वायरल वीडियो के आधार पर यह तो स्पष्ठ है कि राहुल मेघवाल के साथ लड़की संबंधित नही बल्कि किसी अज्ञात करणवश पारपीट की गई है। यदि लड़की के साथ छेड़छाड़ की घटना होती तो रघु और देवकीनदंन मुंह पर नकाब पहने हमला करने नही आते। संबंधित लड़की को सीधे थाने ले जाते है। हालांकि इस मामले में जो भी हो कानून किसी को हाथ में लेने की ईजाजत नही देता। इस तरह अकेला देखकर चार बदमशो द्वारा हुआ पत्रकार पर हुआ हमला वाकय घोर निंदनीय है। पुलिस प्रशासन इस मामले में सज्ञान लेनी की आवश्यक्ता है। क्योंकि आए दिन पत्रकारो पर खबर लिखने की बात पर हमले किए जा रहे है। यहां राहुल मेघवाल को कुंए में धकेलकर जान से मार देना का प्रयास किया गया है। यदि अब भी प्रशासन नही जागा तो ऐसे कई पत्रकार खबर लिखे जाने पर शहीद होते रहेंगे और बाद में देशभर में केंडल मार्च निकाल कर उन्हे श्रद्धाजंलि अर्पित करने के सिवा कोई दुसरा काम नही बचेगा।
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