(प्रतापगढ़)भक्त प्रहलाद की कथा सुनकर भावविभोर हुए श्रद्धालु

  • 22-Apr-25 12:00 AM

लालगंज, प्रतापगढ़ 22 अप्रैल (आरएनएस)। उदयपुर क्षेत्र के राहाटीकर में चल रही श्रीमदभागवत कथा में कथाव्यास ने भक्त प्रहलाद के चरित्र की कथा का विस्तार से वर्णन किया। कथाव्यास आचार्य संतोष जी महराज ने बताया कि हिरण्य कश्यप नामक दैत्य ने अपने घोर तप से ब्रम्हाजी को प्रसन्न कर यह वरदान प्राप्त किया कि वह न दिन न रात न घर के अंदर न बाहर मर सके। उसे न कोई हथियार काट सके और न ही आग जला सके। वह न पानी में भी डूबकर न मरे। हिरण्य कश्यप का पुत्र प्रहलाद भगवान विष्णु का परम भक्त था लेकिन हिरण्य कश्यप भगवान विष्णु को अपना शत्रु मानता था। आचार्य ने बताया कि अपने पिता के तमाम अत्याचारों के बावजूद प्रहलाद ने भगवान नारायण के प्रति अपनी भक्ति को डिगने नही दिया। इससे प्रसन्न होकर भगवान ने नरसिंह अवतार लेकर हिरण्य कश्यप का वध किया। कथाव्यास ने बताया कि श्रीमदभागवत कथा वह अमृत है जिसका चाहे जितना पान किया जाय लेकिन तृप्ति नहीं होती है। कथा के दौरान राधाकृष्ण संकीर्तन में भी श्रद्धालु रमे दिखे। मुख्य आयोजक जगदीश नारायण मिश्र व विमला मिश्रा ने रोली चंदन अक्षत से व्यासपीठ का विधिविधान से पूजन अर्चन किया। इस मौके पर विनय प्रकाश मिश्र, वेदप्रकाश मिश्र, सूर्यप्रकाश, कृपाशंकर, छोटेलाल, रवि प्रकाश मिश्र, विजय नाथ, संतोष आदि मौजूद रहे।




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