(प्रयागराज)अखिल भारतीय श्री नारायणी रामानुज अखाड़ा परिषद ने मांगी एकादशी को राजसी स्नान की अनुमति
- 23-Oct-24 12:00 AM
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श्री रामानुज वैष्णव समिति की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय, प्रशासन से की गई कुछ मांगेप्रयागराज 23 अक्टूबर (आरएनएस)। अखिल भारतीय श्री रामानुज बेष्ठाव समिति आचार्य बाड़ा प्रयागरज के आम सभा की बैठक मोरी रोड दारागंज प्रयाग राज बेदान्त देशिक सेवा, संस्थान में जगतगुरु रामानुजाचार्य श्री स्वामी अच्युत प्रपन्नाचार्य की अध्यक्षता में महाकुंभ 2025 के सकुशल सम्पन्न के लिए हुई।बैठक में एकादशी तिथि को अखिल भारतीय श्री नारायणी रामानुज अखाड़ा परिषद को राजसी स्नान की अनुमति की मांग की गई। महामंत्री डा0 कौशलेन्द्र प्रपन्नाचार्य ने बतलाया कि 20 जनवरी 2023 को ही मेला क्षेत्र में सभी श्री रामानुजीय श्री वैष्णवों ने मिलकर नारायणी अखाडा का गठन किया था और एकादशी तिथि को राजसी स्नान की अनुमति मेला प्रशासन से की थी। हमारा नारायणी अखाड़ा सभी 13 तेरह अखाड़ों का सम्मान करता है, उनके सभी निर्णय का सम्मान करता है। सभी संतो, अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों की 4 अक्टू?बर को माननीय मुख्यमती योगी आदित्य के द्वारा बुलायी गयी बैठक में लिए गए निर्णयों का नारायणी अखाड़ा समर्थन करता है।प्रशासन से अन्य मांगों पर महाकुंभ 2025 में आचार्य बाड़ा नगर को 300 बीधा जमीन के साथा, ओल्ड जीटी रोड पुरानी परंपरा से बसाने तथा सन् 2019 कुंभ के नक्शे की तरह की बसाहट करने, से0 12, 13, 14 में आचार्य बाड़ा बसा था ये तीनों सेक्टर कार्यालय हमारे ही नगर में बना दिए गये थे, इस कुंभ में कोई भी सेक्टर कार्यालय न बनाए जाय। आचार्य बाडा नगर को 200म200 का प्लाट बनाकर तीन गाटों के साथ एक ही जगह बसाया जाय। सभी शिविरों मे टीन को पर्याप्त मात बाऊण्ट्री, किचिन, नल, विद्युत, शौचालय हाता आदि की सुविधा दी जाय। हर बड़े शिविर में कई कार्यक्रम होंगे जिसमे अष्टोत्तर शत्, श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ, श्री मारुति महायज्ञ, श्री रामलीला, श्री रासलीला का भब्य आयोजन होगा उन सभी को छोटे फायर स्टेशन की सुविधा दी जाय।बैठक में श्री स्वामी चक्रपाणि, श्री स्वामी सारंग धराचार्य, श्री स्वामी शात्रिग्रामाचार्य, श्री स्वामी रंग नाथाचार्य, श्री स्वामी कौशलेन्द्राचार्य, श्री स्वामी कृष्णा चार्य, श्री स्वामी देवाचार्य, श्री स्वामी नारायणाचार्य रज्जू श्री स्वामी श्री स्वामी रामलखनाचार्य, श्री स्वामी अरविंदाचार्य, श्री स्वामी विमल, श्री स्वामी सुदर्शनाचार्य श्री स्वामी भगवान दास, श्री स्वामी आचार्य नामेश श्री स्वामी भू- देवाचार्य, श्री स्वामी वशिष्ठाचार्य श्री स्वामी वेदप्रकाश, श्री स्वामी भास्कराचार्य, श्री स्वामी रामनारायणाचार्य के साथ पूरे भारत से श्री बैष्णवों की उपस्थिति रही।
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