(प्रयागराज)छावनी परिषद प्रयागराज को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम का फर्जी आदेश

  • 07-Oct-25 12:00 AM

एक गलती से खोली पोलप्रयागराज 7 अक्टूबर (आरएनएस ) छावनी परिषद में उस वक्त खलबली मच गई, जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम का एक फर्जी आदेश यहां पहुंचा। स्पीड पोस्ट से भेजे गए पत्र में लिखा गया था कि प्रतापगढ़ निवासी राजू कुमार स्नातक व डिप्लोमाधारी है। लिहाजा उसे फील्ड मार्शल के पद पर नौकरी दें।राष्ट्रपति के नाम का पत्र पढ़ अधिकारी हैरत में आ गएपत्र पढ़कर अधिकारी और कर्मचारी हैरत में पड़ गए कि फील्ड मार्शल जैसा महत्वपूर्ण पद तो छावनी परिषद में होता ही नहीं है। राजू को नौकरी दिलाने के लिए भेजे गए पत्र में भारत के राष्ट्रपति की फर्जी मुहर भी लगाई गई थी और कूटरचित हस्ताक्षर भी किया गया था। फिलहाल मामले की जांच और कार्रवाई के लिए छावनी परिषद की ओर से कैंट थाने में शिकायत दी गई है।बताया गया है कि छावनी परिषद में सोमवार दोपहर करीब तीन बजे स्पीड पोस्ट के जरिए एक पत्र आया। लिपिक ने लिफाफा खोला तो पत्र देखकर हतप्रभ रह गया। इसमें छावनी परिषद प्रयागराज को नौकरी देने के संबंध में आदेश निर्गत किया गया था। मामला अधिकारियों तक पहुंचा तो खलबली मच गई। उसे पढ़कर ही समझ लिया गया आदेश फर्जी है और ऐसा कोई न तो पद है और न नियम।प्रतापगढ़ के युवक को फील्ड मार्शल पर नियुक्ति की थी बातपत्र में लिखा था कि आवेदनकर्ता राजू कुमार पटेल पुत्र बाबू लाल निवासी ग्राम हनुमानपुर पोस्ट दखवापुर, जिला प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश भारत-230143 का मूल निवासी है। वह स्नातक एवं डिप्लोमाधारी है। अत: आवेदक को नियुक्ति पत्र प्रेषित कर उसे फील्ड मार्शल के पद पर नियुक्त करने की कृपा करेंÓ।छावनी परिषद के अधिकारियों ने अपने स्तर पर जांच की तो पता चला कि स्पीड पोस्ट बिहार के दानापुर पटना से स्पीड पोस्ट भेजा गया है। तब जांच और कार्रवाई के लिए कैंट थाने में शिकायत दर्ज कराई गई। छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी समीर इस्लाम का कहना है कि मामला बहुत ही गंभीर है। राष्ट्रपति के नाम से किसने मुहर बनवाकर फर्जी निर्देश जारी करने की हिम्मत की, इसकी जांच और सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। मामले की शिकायत कैंट थाने में की गई है। उधर, इंस्पेक्टर कैंट सुनील कुमार का कहना है कि अभी तहरीर नहीं मिली है।




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