(प्रयागराज)राम वनवास के प्रसंग का मंचन देख दर्शक हुए भावुक

  • 25-Sep-25 12:00 AM

प्रयागराज 25 सितंबर (आरएनएस)। श्री कटरा राम लीला कमेटी प्रयागराज के तत्वावधान में राम वाटिका कर्नलगंज प्रांगण में चल रहे रामलीला मंचन के पंचम दिवस गुरुवार को कैकेयी का मंथरा को भड़काना, कैकेयी वरदान (देवासुर संग्राम), राम का कौशल्या से वन गमन की आज्ञा, सीता राम वन गमन आज्ञा, लक्ष्मण दशरथ और कैकेयी पर क्रोध और वन गमन आज्ञा, वन प्रस्थान, अयोध्या वासियों से विदा लेना आदि प्रसंगों का मंचन प्रस्तुत किया गया जिसे देखकर सभी दर्शक भावुक हो उठे।रामलीला मंचन के पूर्व अध्यक्ष सुधीर कुमार गुप्ता, महामंत्री उमेश चन्द्र केशरवानी,कोषाध्यक्ष अश्वनी केशरवानी, उपाध्यक्ष विनोद केशरवानी, आनन्द अग्रवाल, मयंक अग्रवाल ने रामचरित मानस ग्रन्थ की आरती कर मंचन का शुभारंभ किया जिसमे कमेटी के मंत्री शिव बाबू गुप्ता, विपुल मित्तल, महेश चन्द्र गुप्ता कार्यकारणी सदस्य दिलीप चौरसिया एवं मीडिया प्रभारी डॉश पवन प्रजापति, रेनु राज सिंह आदि सदस्य गण उपस्थित रहे।कमेटी के अध्यक्ष सुधीर कुमार गुप्ता ने बताया कि रामलीला के मंचन में राम वनवास के प्रसंग का मंचन देख दर्शक भावुक हो गए। राम राज्य की घोषणा होते ही कैकेयी कोप भवन में जाकर दशरथ से दो वर मांगती हैं। वह कहती हैं कि राम पर हित आज तुम्हारा, है राम प्राण आपकी आंखों का सितारा, चिंता है यदि आपको मेरे काम की, खा जाओ मेरे सामने सौगंध राम की। इस पर दशरथ कैकेयी को वचन देते हैं कि दाग रघुकुल वंश के दामन पर न आएगा कभी, प्राण जाएंगे वचन न जाएगा कभी। माता- पिता की आज्ञा से राम, लक्ष्मण व सीता वन को गमन करते हैंद्य




Related Articles

Comments
  • No Comments...

Leave a Comment