(प्रयागराज)सांस्कृतिक जुड़ाव एवं एकत्व के हिमायती थे पंडित दीनदयाल

  • 25-Sep-25 12:00 AM

दीनदयाल उपाध्याय के विचारों पर मुक्त विश्वविद्यालय में हुआ व्याख्यान प्रयागराज 25 सितंबर (आरएनएस)। उ.प्र. राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज में पं. दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ के तत्वावधान में बृहस्पतिवार को विकसित भारत हेतु पं दीनदयाल उपाध्याय के विचार विषय पर ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रोफेसर आशुतोष सिंह, निदेशक, पं. दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ, प्रोफेसर राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) विश्वविद्यालय, प्रयागराज ने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय ने देश को नही वरन राष्ट्र को स्वीकार किया। देश केवल भौगोलिक इकाई होती है जबकि राष्ट्र सांस्कृतिक जुड़ाव एवं एकत्व को दर्शाता है। पं. दीनदयाल ने व्यष्टि से समष्टि, समष्टि से शिष्ट एवं शिष्ट से परमेष्टि की अवधारणा पर बल दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय के मानवता के सिद्धांत तथा अन्त्योदय का वास्तविक वाहक उ.प्र. राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय है जो बिना किसी भेदभाव के सभी को समान रूप से अवसर उपलब्ध कराता है। कुलपति ने कहा कि पंडित जी के विचारों को अपने में समाहित करते हुए पालन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज के दोनों राज्य विश्वविद्यालय मिलकर दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का काम करेंगे।प्रोफेसर संजय कुमार सिंह ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय ने कष्टमय जीवन व्यतीत करते हुए राष्ट्र को एक महान चिन्तन प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन डा. सुनील कुमार तथा आभार ज्ञापन प्रोफेसर एस कुमार ने किया। संयोजक प्रो. संजय कुमार सिंह एवं आयोजन सचिव डा. दिनेश सिंह ने सभी प्रतिभागियों को ऑनलाइन जुडऩे के लिए धन्यवाद दिया।




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