(प्रयागराज) सकारात्मक सोच ही इंसान को आगे बढ़ाती है- बादल चटर्जी
- 11-Oct-25 12:00 AM
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0 अस्तित्व साइकोलॉजिकल काउंसलिंग सेंटरÓ द्वारा विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर मानसिक स्वास्थ्य को लेकर एक सार्थक चर्चाप्रयागराज, 11 अक्टूबर (आरएनएस)। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर शुक्रवार को अस्तित्व साइकोलॉजिकल काउंसलिंग सेंटरÓ की ओर से सिविल लाइंस स्थित राही इलावर्त टूरिस्ट बंगला हाल में एक सेमिनार आयोजित हुआ। जिसमें मानसिक स्वास्थ्य पर सार्थक संवाद, समस्या और समाधान पर चर्चा हुई। सरकारी व गैर-सरकारी स्तर पर सुधारों को लागू करने की बात पर जोर दिया गया। Óअस्तित्व साइकोलॉजिकल काउंसलिंग सेंटरÓ की संस्थापिका व निदेशक डॉ. मालविका राव ने कहा सेमिनार का उद्देश्य समाज में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर संवाद स्थापित करना, भ्रम तोडऩा और अपने विचारों पर नियंत्रण रखना चाहिए। सेमिनार की अध्यक्षता कर रहे प्रो. संतोष भदौरिया ने मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाने के लिए संगीत, लेखन और कला जैसी रुचियों को बढ़ावा देना और मानसिक स्वास्थ्य को विद्यालयों के पाठ्यक्रम में एक विषय के रूप में शामिल किया जाना चाहिए ताकि बच्चों का समग्र विकास हो सके।मुख्य अतिथि पूर्व आइएएस बादल चटर्जी ने कहा कि सकारात्मक सोच ही इंसान को आगे बढ़ाती है। गवर्नेंस में भी सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है, जिससे तनाव कम होता है और जिम्मेदारी की भावना विकसित होती है।विशिष्ट अतिथियों में एमिनेंट आर्टिस्ट तलत महमूद ने कला, अदब-साहित्य और क्रिएटिव एक्टिविटीज को मानसिक स्वास्थ्य का सशक्त माध्यम बताते हुए कहा कि संवाद मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। हमें सभी अच्छे कार्यों को करना चाहिए जिससे हमें संतुष्टि प्राप्त हो। इस अवसर पर कहानीकार असरार गांधी, विशिष्ट वक्ता बनारस हिंदू महाविद्यालय के डॉ. मनोज तिवारी, डॉ. अभिलाषा चतुर्वेदी और डॉ. शांति चौधरी ने भी संबोधित किया। अस्तित्व टीम की सौसन रिज़वी ने अस्तित्व संस्थान का परिचय एवं जानकारी दी। सनोबर इदरीश ने मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं और समाधान पर प्रस्तुति दी।प्रवीण शेखर, डॉ. शशि प्रभा, सीमा आज़ाद, कविता राय, और पुंडरिक मिश्रा सहित कई सम्मानित अतिथि उपस्थित रहे। अस्तित्व संस्थान की टीम ने डॉ. मालविका राव के निर्देशन में सनोबर इदरीश, सौसन रिज़वी, राजीव जायसवाल, आभा यादव, अर्शिता नवीन, अर्पिता नवीन, अर्चिता नवीन, इज़मा ज़मील, कृतिका मिश्रा, शाहिर, श्रेहा, अभिनंदन, अनुश्का, आयुष्का, आयेशा, नूर अली, अदिति, मंजली, आयुषी और पवनी का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
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