(फिरोजाबाद)मैथिल समाज ने सम्मेलन आयोजित की उठायी राजनीतिक हिस्सेदारी की मांग

  • 01-Oct-23 12:00 AM

फिरोजाबाद 1 अक्टूबर (आरएनएस) मैथिल समाज एकता मंच के द्वारा एक सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें प्रदेश भर के मैथिल समाज के 40 जिलों के मैथिल समाज के प्रतिनिधियों ने प्रतिभा किया। आज के कार्यक्रम की अध्यक्षता जगदीश प्रसाद झा ने की। वह कार्यक्रम का संचालन कैलाश बाबू ओझा ने किया।सम्मेलन के संगठन मंत्री सुरेंद्र सावन झा ने कहा कि आजादी से आज तक यह समाज अति पिछड़ा है किसी भी राजनीतिक दल ने इस समाज की तरफ ध्यान नहीं दिया है। स्थानीय संगठन के नेताओं ने पार्टी के सीट्स नेतृत्व को करते रहे हैं गुमराह। वे सदैव कहते रहे हैं कि मैथिल समाज का वोट बैंक नहीं है जबकि फिरोजाबाद लोकसभा में 125000 से ज्यादा वोट निवास करता है। वही ब्रज प्रांत में 90 लाख से ऊपर की वोटर संख्या है यह मैथिल समाजशास्त्र प्रतिशत भाजपा को वोट करता आया है। जिले की पांचो विधानसभा लोकसभा तीन नगर पालिका और एक नगर निगम कर नगर पंचायत एक जिला पंचायत 33 वार्ड में यह समाज का कोई भी प्रतिनिधि नहीं है इसके पीछे का कारण जिले के नेताओं द्वारा पार्टी स्तर पर गलत रिपोर्टिंग से गुमराह किया जाना रहा है। सम्मेलन के संयोजक पप्पू लाल झा ने कहा कि हमारे समाज का भाजपा में समायोजन ना होना दुर्भाग्यपूर्ण है देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी की मंशा सबका साथ सबका विकास के नारे को स्थानीय नेता पलीता लगाने का कार्य कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि अब हमारा समाज जाग चुका है समाज से कोई भी प्रतिनिधि ना होने के कारण समाज में आक्रोश है। अब तक सभी राजनीतिक पार्टियों व दल हमारे समाज का बंधुआ मजदूर के तरह प्रयोग करते रहे हैं पर आप यह नहीं होगा समाज को जो भी सम्मान देगा समाज उसका साथ देगा। सम्मेलन के बाद पूरे ब्रिज क्षेत्र में मैथिल समाज संगठन के लिए आंदोलन की तरह कार्य किया जाएगा। सम्मेलन के सहसंयोजक कैलाश बाबू ओ जाने कहा कि संगठित परिवार समाज और देश का कोई भी दुश्मन कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता है जबकि संगठित होने पर दुश्मन जब चाहे आप पर हावी हो सकता है। संगठन का प्रत्येक क्षेत्र में विशेष महत्व होता है जब के बिखराव अच्छा नहीं हो सकता संगठन का मार्ग ही मनुष्य की विजय का मार्ग है यदि मनुष्य किसी गलत उद्देश्य के लिए संगठित हो रहा है तो ऐसा संगठन अभिशाप है जबकि किसी अच्छे कार्य के लिए संगठन वरदान साबित होता है। प्रत्येक धर्म और ग्रंथ एकता का संदेश देते हैं एवं सम्मेलन में वक्ताओं ने समाज संगठित होने पर विशेष जोर दिया संगठन में शक्ति होती है कार्यक्रम में मुख्य रूप से राजेश कुमार झा, अजय कुमार झा, संजय झा, पंकज झा, सत्यदेव झा, गोविंद ओझा, भूपेंद्र झा, सुग्रीव, शिवकुमार शर्मा, महेश चंद्र झा, महेश चंद्र एलानी, रामावतार झा, श्री कृष्ण झा, सोनू ओझा, अशोक कुमार झा, महेंद्र झा, सनी शर्मा, छोटेलाल झा, वैभव झा, अनिल कुमार झा, शैलेश कुमार झा, अनूप झा, रामसेवक वैध्य, सुमित झा, कृष्ण मुरारी झा, जितेंद्र झा, डॉक्टर रामसेवक शर्मा, राम प्रकाश झा, राकेश कुमार झा, शशिकांत झा, दर्शन सिंह झा, दुर्गेश झा, विनोद कुमार झा, सुरेश झा, अवनीश झा, अरुण कुमार ओझा, बृजेश कुमार झा, राधा कृष्ण झा, राजेश कुमार झा, राकेश झा, अनूप प्रताप झा आदि मैथिल समाज के हजारों लोग उपस्थित रहे।




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