
(बकावंड) मोदी और साय के सपने को कुचल कर रख दिया पीएचई के अधिकारियों ने
- 04-Aug-25 12:47 PM
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0-5 साल में नहीं बन पाई जल जीवन मिशन की टंकी
0 न टंकी पूरी बनवाई, न मजदूरी का भुगतान किया
बकावंड, 04 अगस्त (आरएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सपने को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों ने कुचल कर रख दिया है। साय के सुशासन को धता बताया जा रहा है और मोदी जी के अरमान पर पानी फेरा जा रहा है। विभागीय अधिकारियों की अकर्मण्यता का यह एक बड़ा प्रमाण है कि पांच साल बीतने के बाद भी जल जीवन मिशन की पानी टंकी पूरी नहीं बन पाई है। वहीं विभाग ने इस कार्य में लगे मजदूरों की मजदूरी राशि का भुगतान भी अब तक नहीं किया है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों की बेपरवाही का यह मामला बकावंड विकासखंड की ग्राम पंचायत फरसरा से सामने आया ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा रही है कि हर गांव के अंतिम व्यक्ति तक नल के जरिए शुद्ध पेयजल पहुंचे, ताकि लोग जल जनित बीमारियों से सुरक्षित रह सकें। इसके लिए केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन योजना शुरू की है, लेकिन बस्तर जिले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों ने इसका मजाक बनाकर रख दिया है। जल जीवन मिशन के तहत स्वीकृत पूरी राशि आहरित कर लेने के बाद भी कार्य को आध अधूरा छोड़ दिया गया है। अधूरेे पड़े कार्य भ्रष्टाचार की गवाही दे रहे हैं। केंद्र और राज्य में डबल इंजन सरकार होने के बावजूद फरसरा ग्राम पंचायत में जल जीवन मिशन का भ_ा बिठा दिया गया है। फरसरा में जल जीवन मिशन की पानी टंकी अब तक तैयार नहीं की जा सकी है, जबकि योजना का काम पांच साल पहले शुरू कराया गया था। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने कार्य से संबंधित सूचना फलक भी यहां नहीं लगाया है, ताकि भ्रष्टाचार पर पर्दा डाला जा सके। विभाग के पास भूजल स्त्रोत की जांच की सुविधा और लैब होने के बाद भी है गांव में भूजल स्त्रोत का परीक्षण कराए बगैर बोर करा दिया गया। इसका नतीजा यह हुआ कि बोर फेल हो गया है। गांव के एक भी घर तक भी पानी नहीं पहुंच पाया है। आधी अधूरी बनी पानी टंकी के गिरने की संभावना दिनों दिन बढ़ती जा रही है। ठेकेदार और विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते 5 वर्ष बीतने के बाद भी पानी टंकी पूरी नहीं की जा सकी है। टंकी बनाने वाले एक ठेकेदार ने 10 फीट तक काम करा कर छोड़ दिया, दूसरे ठेकेदार ने भी 10 फीट बनाकर छोड़ दिया है।शुरुआत में गांव के कुछ ग्रामीण ने मजदूरी की थी, जिन्हें उनकी मजदूरी राशि का भुगतान 5 साल बीत जाने के बाद भी ठेकेदार या अधिकारियों द्वारा आज तक नहीं किया गया है। इस तरह साय के सुशासन और मोदी के विकसित भारत के अरमान को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी रौंदने पर आमादा नजर आ रहे हैं।
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