(बरही)बरही में बालू का खेल निराला, रात के अंधेरे से लेकर दिन के उजाले में हो रहा है अवैध बालू का कारोबार
- 08-Dec-24 12:00 AM
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-भंडारों के पुरहरा वन क्षेत्र में सड़क किनारे है बालू का डंपिंग यार्डबरही 8 दिसंबर (आरएनएस)। बरही थाना क्षेत्र में अवैध बालू उत्खनन और डंपिंग का कारोबार जोरों पर है, जिससे सरकारी खजाने को प्रतिदिन लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है। जबकि सरकार अवैध बालू पर रोक के लिए कड़ा आदेश जारी कर रखा है। लेकिन सरकारी हुक्मदार आंख में पट्टी बांध रखा है और पुलिस बालू माफियाओं को खुली छूट दे रखी है। यह अवैध कारोबार नदियों से रातों रात बालू का उत्खनन कर बिना किसी अनुमति कर रहें हैं। जबकि राज्य सरकार एनजीटी आदेश लागू कर रखा है। पुलिस प्रशासन को भी इस बात का सारी जानकारियां है बावजूद कर्रवाई से पीछे हट रहे हैं। सूत्रों के अनुसार बालू माफियाओं का कारोबार बैरिसाल, करगईयो, बेहराबाद आदि नदी घाटों से चरम सीमा पर है। भंडारों के पुरहरा गांव के वन क्षेत्र में सड़क किनारे जगह जगह भारी मात्रा में अवैध बालू का डंपिंग यार्ड बना कर रखा गया है। जैसे ही सुबह अंधेरा छटता है, बरसोत से करियातपुर तक जीटी रोड पर बालू लोड ट्रेक्टर रेंगते देखा जा सकता है। जबकि पेट्रोलिंग पुलिस को सेवा भी इन सड़कों पर मिल ही जाती है। ट्रेक्टर चालकों से पूछने पर बताते हैं कि पासिंग बना हुआ, हमें किस बात की डर है। तस्कर दिन दहाड़े, रात अंधेरे में या अहले सुबह विभिन्न नदी घाटों से बालू उठाव अनवरत कर रहे हैं और उसे लखना, दुलमाहा, नईटांड़ के रास्ते से जीटी रोड होते हुए एवं खुर्दज्वाड, करगईयो, बेहराबाद की बालू लोड ट्रेक्टर गुंजरामोड़ से होकर जा रहे हैं, जिसे बरही, करियातपुर, धनवार,कोरियाडीह,दूधपनिया, रालो लठिया आदि स्थानों में आपूर्ति की जाती है और प्रति ट्रेक्टर ढाई से तीन हजार वसूला जाता है। इस धंधे में चंद लोग शामिल है,जिन्हें प्रशासन का तनिक भी भय नहीं है। वहीं दूसरी ओर गौरियाकरमा, निश्चितपुर, शोकी नदी पर नवाडीहा आदि पर कई बालू उठाव का घाट बनाया गया है, जहां एक दिन में सैकड़ों ट्रैक्टरों से बालू की ढुलाई की जा रही है।सभी ट्रैक्टरों का मयूरहंड थाने पुलिस ने शुक्ल बांध रखी है। बता दें कि अवैध बालू का कारोबार न केवल सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचा रहा है बल्कि इसने क्षेत्रीय पर्यावरण को भी खतरे में डाल में दिया है। बालू उठाव से वाटर लेवल नीचे चला गया जो जल संकट का काल मंडरा रहा है। नदी घाट पर अंधाधुन खनन से कई स्थानों पर खाई बन गया जो स्थानीय लोगों को जीवन पर आफत भी बन चुकी है।
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