
(बलौदाबाजार) दो भाइयों के बीच हुआ विवाद, हमलावरों ने किया जानलेवा हमला
- 04-Oct-25 01:37 AM
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बलौदाबाजार, 04 अक्टूबर (आरएनएस)। जिले के दशरमा रोड क्षेत्र में 3 अक्टूबर की रात एक व्यक्ति ने मारपीट और जान से मारने की धमकी की गंभीर घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई है। घटना में शामिल आरोपियों ने गाली-गलौच के साथ-साथ खपरा उठाकर हमला किया, जिससे पीडि़त को सिर और कान में चोटें आई हैं। घटना के संबंध में पीडि़त ने बताया कि वह दशरमा रोड बलौदाबाजार का निवासी है और रोजी-मजदूरी का काम करता है। दिनांक 03.10.2025 की रात्रि लगभग 9:30 बजे वह धन्नु ठेला के पास गया और अपने भाई पवन नवरंगे को आवाज देकर बुलाया। इस दौरान उसके भाई के साथ मनोज बंजारे, अशोक बंजारे और उनके साथी भी उपस्थित हो गए। पीडि़त ने बताया कि उसने अपने भाई से कहा कि घर में बहन लोग आए हैं और चलो खाना खा लें। इस पर मनोज बंजारे, अशोक बंजारे और उनके साथी नाराज हो गए और आरोप लगाया कि वह अपने भाई को खाना खिलाने ले जा रहा है और उन्हें बुला नहीं रहा है। इसके बाद आरोपियों ने गाली-गलौच शुरू कर दी और पीडि़त के प्रति अश्लील गालियों का प्रयोग किया। जब पीडि़त ने गाली-गलौच करने से मना किया, तो आरोपियों ने एक साथ मिलकर उसे धमकी दी कि वे उसे जान से मार देंगे। इसके बाद आरोपियों ने हाथ-मुक्का मारने के साथ-साथ पास में पड़े खपरा को उठाकर पीडि़त के सिर और बांए कान पर हमला किया। इस हमले से पीडि़त को गंभीर चोटें आई हैं। घटना को देख कर पीडि़त के भाई पवन नवरंगे और तिरिथ मेहर ने बीच-बचाव किया और मामले को गंभीरता से संभाला। पीडि़त ने इस पूरे घटनाक्रम की सूचना पुलिस को दी और कार्रवाई की मांग की है। स्थानीय लोगों और आसपास के नागरिकों ने घटना को लेकर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि इस तरह की हिंसक घटनाएं न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालती हैं बल्कि पूरे क्षेत्र में भय का माहौल उत्पन्न करती हैं। उन्होंने पुलिस प्रशासन से जल्द से जल्द आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की अपील की है। बलौदाबाजार पुलिस ने घटना की रिपोर्ट दर्ज कर ली है और आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि पीडि़त की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं और उन्हें मेडिकल जांच कराने की भी सलाह दी गई है। इस घटना ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि व्यक्तिगत झगड़े और छोटे विवाद कभी-कभी गंभीर हिंसा में बदल सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए स्थानीय समुदाय और पुलिस के बीच बेहतर समन्वय और जागरूकता जरूरी है।
त्रिपाठी
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