(बस्ती)देह व्यापार के धंधे में बिहार, गोरखपुर, कुशीनगर की महिलाएं शामिल

  • 17-Apr-25 12:00 AM

संगठित गिरोह बनाकर दो साल से मड़वानगर में चल रहा था सेक्स रैकेटइंटरनेट मीडिया पर सक्रिय दो पत्रकार व पुलिस कर्मियों का था संरक्षणसेक्स रैकेट से हर महीने चार से पांच लाख रुपये की होती थी कमाईबस्ती 17 अप्रैल (आरएनएस)। कोतवाली के मड़वानगर में एक मकान पर पुलिस ने छापा मारकर देह व्यापार का भंडाफोड़ किया है। मकान मालकिन ने अपने घर को दो साल से देह व्यापार का अड्डा बना रखा था। पुलिस ने जब मकान की तलाशी ली तो इस महिला समेत समेत आठ लड़कियां बिहार, कुशीनगर व गोरखपुर की मिलीं। लड़कियां को कमरों में अलग-अलग लड़कों के साथ पुलिस ने आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ा गया। महिला का पति व सेक्स रैकेट का संचालक शिवमूरत चौधरी व उसका पार्टनर अंबुज पटेल व दो स्टाफ भी पुलिस के हत्थे चढ़े हैं। इन्हें पुलिस ने गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से एक महिला रेनू चौधरी समेत छह लोगों को जेल भेज दिया गया। पकड़े गए लोगों के मोबाइल सीडीआर से इनके बैकवर्ड व फारवर्ड कनेक्शन की जांच-पड़ताल में चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं। इसमें पुलिस कर्मियों व इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय रहने वाले दो पत्रकारों के भी नाम सामने आए है। भरोसे मंद सूत्रों के अनुसार एक पुरानी बस्ती थानाक्षेत्र तो दूसरा सोनहा थानाक्षेत्र का निवासी बताया जाता है।पिछले दो साल से यहां पर चल रहा था सेक्स रैकेटपुलिस व इंटरनेट मीडिया के कथित पत्रकारों के सहयोग मड़वानगर में पिछले दो साल से देह व्यापार का धंधा चल रहा था। पड़ोसी राज्य बिहार, कुशीनगर, गोरखपुर व अन्य स्थानों से युवतियों को यहां पर बुलाया जाता था। लंबे समय से पुलिस को यहां अनैतिक कार्य चल रहा था मगर आस-पड़ोस को इसकी भनक तक नहीं लग सकी। बीते दिनों इस सेक्स रैकेट का खुलासा करने के लिए पुलिस अधीक्षक अभिनन्दन ने सीओ सिटी सत्येन्द्र भूषण तिवारी को टास्क सौंपा। इसके बाद एसओजी प्रभारी चन्द्रकांत पांडेय को सादे कपड़ों में देह व्यापार की टोह लेकर उसके अड्डों का पता लगाने को कहा गया। मुखबिरों को भी इस काम में पुलिस ने लगा रखा था। चन्द्रकांत की टीम पिछले एक सप्ताह से मड़वानगर इलाके की दिनरात सर्विलांस (निगरानी) में जुटी रही। बुधवार को देह व्यापार के नेटवर्क का टीम को सफलता हाथ लगीप्रतिमाह चार से पांच लाख की कर रहे थे काली कमाईकोतवाली थानाक्षेत्र मडवानगर में काफी दिनों से चल रहे देह व्यापार का पर्दाफाश हो गया। पुलिस ने छापेमारी करते हुए एक संचालिका सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने कमरे से काफी आपत्तिजनक चीजें एक बोरी कंडोम, कास्मेटिक समान व 40 हजार 280 रुपये नकद, 22 मोबाइल, डीबीआर, तीन क्यूआर कोड, 13 नीली व 16 पीली पर्चियां (टोकन पर्ची) भी बरामद किया हैइन्हें देह व्यापार अधिनियम में भेेजा गया जेलपुलिस ने एक महिला समेत छह के खिलाफ देह व्यापार अधिनियम का मुकदमा दर्ज किया है। जिसमें सेक्स रैकेट का संचालक शिवमूरत चौधरी पुत्र रामप्रसाद निवासी रानीपुर, पार्टनर अम्बुज पटेल पुत्र विशुनदेव चौधरी निवासी महेनिया थाना महुली जनपद संतकबीरनगर , रिसेप्सन पर बैठने वाले सेक्स रैकेट का कर्मचारी राजू यादव पुत्र तेजू यादव निवासी दुबखरा, थाना नगर, रामकरन पुत्र रामलाल निवासी कोठवा भरतपुर थाना नगर, हिमेश त्रिपाठी पुत्र रविन्द्र त्रिपाठी निवासी मनैतापुर थाना बेलहरकला जनपद संतकबीरनगर व रेनू पत्नी रंजीत चौधरी निवासी भूअर निरंजनपुर थाना कोतवाली को गिरफ्तार कर कोर्ट के समक्ष पेश किया गया। वहां से अदालत के आदेश पर जेल भेज दिया गया।पुलिस का पड़ा छापा, मच गई खलबलीपुलिस के पूछताछ में संचालक ने स्वीकार किया कि बिहार, कुशीनगर, गोरखपुर से रोज लड़कियां यहां आया करती थीं.लड़कियों ने भी पुलिस को बताया कि रोजाना वह 4-5 हजार कमाया करती थीं जिसमें से आधा पैसा संचालिक व उसका स्टाफ रख लेता था। टोकन पर्ची के माध्यम उन्हें आनलाइन व कैश भुगतान प्रति टोकन 500 रुपये मिलता था। औसतन तीन से चार हजार रूपये लेकर यहां से जाती थी।सच्चाई जान वहां के निवासियों में मची खलबलीमड़वानगर में रहने वाले लोग उस वक्त चौंक गए, जब वहां के एक कमरे बड़े पैमाने पर देह व्यापार संचालित होने का पता चला। कुछ लोगों का कहना था कि संचालिका अपनी पहचान छिपाकर यहां रहती थी। वह खुद को स्वयंसेवी संगठन से जुड़ी भी बताया करती थी।रंग लाई एसओजी टीम की मेहनतमड़वानगर में सेक्स रैकेट करीब दो साल से चलाया जा रहा था। मकान मालकिन व उसका पति ही सेक्स रैकेट को चला रहा था। पुलिस ने मुखबिर की सूचना को पुख्ता करने के लिए पहले तो एक पुलिसकर्मी सादे वेश ग्राहक बनाकर मकान में भेजा और फिर जब छापेमारी की तो महिला और पुरुष मकान के अलग अलग कमरों में आपत्तिजनक हालत में मिले।महिलाओं को मिलते थी आधी रकमशुरुआती पूछताछ में पता चला है कि सेक्स रैकेट में पकड़ाई बाहर की महिलाएं और पुरुष स्थानीय थे। देह व्यापार करने वाली महिलाओं को कस्टमर से मिलने वाले रुपयों में से आधा पैसा मिलता था। जैसे 1500 रुपए में कोई ग्राहक तैयार हुआ तो 500 रुपए देह व्यापार करने वाली महिला का होता था। बाकी रुपये रैकेट का सरगना व पार्टनर लेते थे। यहां से पकड़े गए लोगों ने बताया कि 800 से 1500 रुपए में एक बार कमरे में जाने की इजाजत मिल जाती थी।छानबीन में लोकल पुलिस की भूमिका मिली संदिग्धसेक्स रैकेट के पर्दाफाश के बाद शुरआती पूछताछ में पता चला है कि स्थानीय पुलिस कर्मियों को इनके संचालक को संरक्षण मिला हुआ था। मीडिया कर्मियों की तरह इसके बदले उनका बाकयदे हफ्ता बंधा हुआ था। पिछले दो साल दौरान यहां पर पोस्ट रहे खाकी कर्मियों की पोल खुलने के बाद अब इनके उपर भी पुलिस कप्तान के कार्रवाई की गाज कभी गिर सकती है। दो कथित इंटरनेट मीडिया कर्मी भी कार्रवाई के जद हैं। जांच बैकवर्ड-फारवर्ड कनेक्शन की पड़ताल में इनके नामों का खुलासा हो चुका है। कभी भी इन्हें सलाखों के पीछे भेजा जा सकता है।गिरफ़्तार करने वाली पुलिस टीमसेक्स रैकेट का पर्दाफाश कर देह व्यापार कराने वालों को गिरफ्तार करने वालों सीओ सिटी सत्येन्द्र भूषण तिवारी, एसओजी प्रभारी चन्द्रकांत पांडेय, रमेश यादव, अभय उपाध्याय, धर्मेन्द्र कुमार, इरशाद खान, शिवम यादव, चन्दन, विभा सिंह, नीलम यादव, प्रिया सिंह, मधु सिंह, नीलम शुक्ला व अन्नपूर्णा शामिल रहीं।




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